Auraiya: आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर हुए दर्दनाक हादसे में एक महिला, उनके बेटे, बहू और पोते की मौत हो गई। महिला अपने पति की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने के लिए परिवार के साथ जा रही थी। यह हादसा उस वक्त हुआ जब वह गाजियाबाद से बिघापुर (पट्रुक गांव) अपने पति की पुण्यतिथि में शामिल होने जा रही थी। मृतकों की पहचान इंदिरा नगर निवासी शीला, उनके बेटे पियूष, बहू रीना और पोते आरव के रूप में हुई है।
शीला के पति शिवकुमार, जो पैराशूट फैक्ट्री में काम करते थे, का निधन 2011 में हो गया था। उनके पड़ोसी पूनम शुक्ला ने बताया कि रविवार को पति की पुण्यतिथि के कार्यक्रम के लिए पूरा परिवार बिघापुर जा रहा था। इस हादसे में चारों की मौके पर ही मौत हो गई।
रीना और पियूष की दो साल की बेटी ओमिशा पूरे दिन “पापा-पापा” करती रही। जब उसने एक पारिवारिक सदस्य को चश्मा पहने देखा, तो उसने उसे अपने पिता समझकर गले लगाने की कोशिश की, लेकिन बाद में अपनी मां के पास लौट गई और “पापा-पापा” कहकर रोने लगी। उसकी दादी शीला ने उसे पियूष की तस्वीर दिखाकर शांत किया। पियूष की मौसी पूजा ने बताया कि जब भी ओमिशा को अपने पिता की याद आती, तो रीना उसे वीडियो कॉल के जरिए पियूष से बात करवाती थी।
अन्य पीड़ितों में शामिल आरव के पिता अंकित ने बताया कि हादसे से पहले, उनके बेटे ने सुबह 10:30 बजे आखिरी बार उन्हें फोन किया था और कहा, “पापा, मैं निकल रहा हूं।” अंकित ने बताया कि उनका बेटा अक्सर फोन पर कम ही बात करता था, लेकिन उस दिन उसने फोन किया। उन्होंने कहा कि यह उनकी और बेटे की आखिरी बातचीत थी।
अंकित, जो अपनी मां, भाई, पत्नी और बेटे को खो चुके हैं, का कहना है कि यह नुकसान अपूरणीय है और सरकार से उम्मीद है कि ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
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Chief Editor, Aaj Khabar