International News: US Presidential Election- कमला को मिलेगा मौका या फिर ट्रंप की होगी वापसी

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International News: US Presidential Election- अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव संपन्न हो गए हैं, और अब सबसे बड़ी चुनौती यह है कि जो भी उम्मीदवार सत्ता में आएगा, वह एक प्रभावी और सशक्त मंत्रिमंडल का गठन कैसे करेगा। डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन उम्मीदवार डॉनल्ड ट्रंप के बीच कड़ी टक्कर चल रही है, और इस चुनावी लड़ाई के बाद उनकी टीम किस तरह की होगी, इस पर देशभर की निगाहें टिकी हैं।

चुनाव प्रचार के दौरान, दोनों ही उम्मीदवारों ने अपने-अपने संभावित मंत्रिमंडल के बारे में संकेत दिए हैं, और यह स्पष्ट किया है कि उनके मंत्रिमंडल में ऐसे लोग शामिल होंगे जो उनके राजनीतिक दृष्टिकोण और नीतियों को आगे बढ़ाने में सक्षम होंगे।

रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डॉनल्ड ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान कई मौकों पर यह संकेत दिया था कि उनके मंत्रिमंडल में ऐसे लोग होंगे जो उनकी नीतियों को आगे बढ़ा सकें। ट्रंप ने यह भी कहा है कि उनका मंत्रिमंडल व्यावसायिक और प्रशासनिक विशेषज्ञों से भरा होगा, जो उनके प्रशासन की प्राथमिकताओं को प्राथमिकता दे सकें।

ट्रंप के समर्थकों का मानना है कि राष्ट्रपति बनने के बाद वह अपने राष्ट्रपति पद की पारी में केवल अपनी पार्टी के लोगों को नहीं, बल्कि कुछ ऐसे नेताओं को भी मंत्रिमंडल में जगह देंगे, जिनका अनुभव और नीतिगत दृष्टिकोण उनके लिए मददगार हो सकता है। ट्रंप यह भी संदेश देना चाहते हैं कि वह राष्ट्रपति बनने के बाद सभी वर्गों और पार्टियों को साथ लेकर चलने के पक्षधर होंगे, ताकि देश में एकता बनी रहे और समृद्धि सुनिश्चित की जा सके।

वहीं, अगर डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस राष्ट्रपति बनती हैं, तो उनके मंत्रिमंडल का स्वरूप भी काफी महत्वपूर्ण होगा। हैरिस की छवि एक ऐसे नेता के रूप में उभरी है जो सामाजिक, नस्ली और भौगोलिक दृष्टि से विविधता को महत्व देती हैं। माना जा रहा है कि हैरिस के मंत्रिमंडल में विभिन्न जाति, लिंग और सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के लोगों को जगह दी जाएगी, ताकि हर अमेरिकी वर्ग को एक समान प्रतिनिधित्व मिल सके।

इसके साथ ही, यह भी संभावना जताई जा रही है कि हैरिस का मंत्रिमंडल उनके राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने वाले लोगों से बना होगा, जो उनके वादों को पूरा करने में मदद करेंगे, जैसे कि सामाजिक न्याय, पर्यावरण संरक्षण और स्वास्थ्य देखभाल सुधार के क्षेत्र में। हैरिस यह संदेश देना चाहेंगी कि उनका प्रशासन जो बाइडन के प्रशासन से पूरी तरह अलग नहीं होगा, लेकिन उसमें कुछ महत्वपूर्ण बदलाव होंगे, जो देश के लिए लाभकारी होंगे।

यह बात साफ है कि चुनावी प्रचार में दोनों उम्मीदवारों ने भारतीय समुदाय को महत्वपूर्ण स्थान दिया है। ट्रंप और हैरिस दोनों ही ने अपने भाषणों और प्रचार अभियानों में भारतीयों का समर्थन हासिल करने के लिए उन्हें प्राथमिकता दी है।

ट्रंप ने भारतीय अमेरिकी समुदाय के साथ अपने अच्छे रिश्तों का उल्लेख करते हुए भारतीय नेताओं को अपने प्रशासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का संकेत दिया है। वहीं, हैरिस, जो स्वयं भारतीय मूल की हैं, उनके मंत्रिमंडल में भारतीय अमेरिकी चेहरों को शामिल किए जाने की संभावना है। चुनाव प्रचार के दौरान, हैरिस ने भारतीय समुदाय के साथ अपनी सांस्कृतिक और पारिवारिक जड़ों को जोड़ते हुए कहा था कि वह भारतीय-अमेरिकियों को मुख्यधारा के अमेरिकी समाज में और अधिक प्रतिनिधित्व दिलाने के लिए काम करेंगी।

इस चुनावी सीजन में यह स्पष्ट हो चुका है कि चाहे ट्रंप जीतें या हैरिस, दोनों ही अपने मंत्रिमंडल में विविधता और विशेषज्ञता पर जोर देंगे। ट्रंप के मंत्रिमंडल का स्वरूप जहां नीतिगत और प्रशासनिक अनुभव पर आधारित होगा, वहीं हैरिस का मंत्रिमंडल सामाजिक समानता, विविधता और राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने में ज्यादा केंद्रित होगा।

अंततः, दोनों ही उम्मीदवारों ने भारतीय समुदाय को अपनी टीम में शामिल करने के संकेत दिए हैं, जो अमेरिकी राजनीति में भारतीयों की बढ़ती भागीदारी और प्रभाव को दर्शाता है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन अपनी रणनीति को धरातल पर उतारता है और किसका मंत्रिमंडल किस तरह से कार्य करता है।

 

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