Champawat: पोथ उप्रकोट गांव में सड़क और चिकित्सा सुविधाओं के अभाव के चलते एक बीमार व्यक्ति को ग्रामीणों को लाठी-डंडों से बनी डोली के सहारे 10 किमी पैदल चलकर मुख्य सड़क तक पहुंचाना पड़ा। इसके बाद उसे इलाज के लिए 35 किमी दूर टनकपुर के सरकारी अस्पताल ले जाया गया।
शुक्रवार को पोथ उप्रकोट गांव के निवासी 53 वर्षीय बालम सिंह पुत्र नाथ सिंह की अचानक तबीयत खराब हो गई। गांव में किसी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं होने के कारण उन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाना आवश्यक था। ग्रामीणों ने मिलकर लाठी और डंडों से एक अस्थायी डोली तैयार की, जिसमें बालम सिंह को बांधकर पैदल मुख्य सड़क तक लाया गया। डोली में लगभग 10 किमी का सफर तय करने में ग्रामीणों को दो घंटे से अधिक का समय लगा। मुख्य सड़क पर पहुंचने के बाद बीमार व्यक्ति को वाहन द्वारा 35 किमी दूर टनकपुर अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
ग्रामीण रमेश बिष्ट ने बताया कि पोथ उप्रकोट सहित आसपास के गांवों के लोग लंबे समय से सड़क की सुविधा की मांग कर रहे हैं, लेकिन आज तक उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने बताया कि सड़क न होने के कारण ग्रामीणों को ऐसी स्थिति में कई बार बीमार लोगों को पैदल ही मुख्य सड़क तक पहुंचाना पड़ता है। पैदल चलना इन गांवों के लोगों के लिए मजबूरी बन चुका है और बीमार व्यक्ति को समय पर चिकित्सा सुविधा तक पहुंचाना एक बड़ी चुनौती होती है।
ग्रामीणों ने एक बार फिर सरकार से सड़क निर्माण की मांग की है, ताकि भविष्य में इस तरह की समस्याओं का सामना न करना पड़े।
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Chief Editor, Aaj Khabar