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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में बीते 48 घंटों से जारी मूसलधार बारिश ने आम जन जीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। बारिश के चलते सुकमा जिले के लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं और स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है। सुकमा जिला बस्तर संभाग मुख्यालय बस्तर, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और ओड़िशा से पूरी तरह कट चुका है। लगातार बढ़ रहे नदी और नालों के जलस्तर के कारण पानी ने नेशनल हाइवे को भी ढक लिया है। जिससे इन रूटों पर चलने वाली गाड़ियों की गति थम गई है और जगह-जगह लंबी कतारें लग गई हैं।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत शिविर केंद्र स्थापित किए गए हैं और फंसे लोगों को वहां पहुंचाया जा रहा है। राहत सामग्री की आपूर्ति के लिए ैक्त्थ् की टीमें मोटर बोट का उपयोग कर रही हैं। प्रशासन की टीम लगातार अंदरूनी क्षेत्रों का जायजा ले रही हैं और आपातकालीन स्थिति को देखते हुए जवानों की तैनाती की गई है ताकि अप्रिय घटनाओं से बचा जा सके। एक दिन पहले बाढ़ से 25 परिवारों के घर पूरी तरह से जमींदोज हो गए थे और प्रभावितों को निकटतम पंचायत और स्कूल भवन में आश्रय प्रदान किया गया है।
बस्तर संभाग में मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी कर दिया है। नारायणपुर, कोंडागांव, बस्तर, सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिलों में लगातार बारिश हो रही है और नदी-नाले उफान पर हैं। शबरी और इंद्रावती नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। शबरी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और झापरा पुल बाढ़ के पानी से डूब गया है। गोदावरी नदी के जलस्तर में भी वृद्धि हो रही है और यह पहले वार्निंग लेवल को पार कर चुका है, जो 45 फीट है। अगर जलस्तर और बढ़ता है तो यह बैक वाटर की स्थिति उत्पन्न कर सकता है, जिससे छत्तीसगढ़ के कोंटा क्षेत्र की बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो सकती है।
Chief Editor, Aaj Khabar