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Maharashtra News: महाराष्ट्र के बदलापुर में दो नाबालिग छात्राओं के कथित यौन उत्पीड़न के मामले पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने स्वतरू संज्ञान लिया है। आयोग ने संबंधित अधिकारियों से दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। रिपोर्ट में एफआईआर दर्ज करने में देरी के कारण, इसकी वर्तमान स्थिति, और पीड़ित बच्चियों के स्वास्थ्य की जानकारी शामिल करने को कहा गया है।
एनएचआरसी ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी करते हुए कहा कि 18 अगस्त को प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट में बताया गया था कि ठाणे के एक स्कूल के कर्मचारी द्वारा दो नाबालिग छात्राओं का यौन शोषण किया गया। रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि पुलिस शिकायत के लगभग 12 घंटे बाद एफआईआर दर्ज की गई थी। आयोग ने कहा कि यदि मीडिया रिपोर्ट की सामग्री सही है, तो यह मानवाधिकार उल्लंघन का मामला है और इस पर विस्तृत रिपोर्ट प्रदान की जाए।
पीड़ितों को परामर्श और पुनरावृत्ति की रोकथाम के कदम: आयोग ने यह भी जानना चाहा है कि क्या अधिकारियों या स्कूल प्रबंधन ने पीड़ितों को कोई परामर्श प्रदान किया है। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया जाना चाहिए कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए क्या कदम उठाए गए हैं और क्या प्रस्तावित हैं।
फास्टट्रैक कोर्ट और एसआईटी की घोषणा: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मामले की फास्टट्रैक कोर्ट में सुनवाई की घोषणा की है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुलिस महानिरीक्षक आरती सिंह के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन और मामले में उज्जवल निकम को सरकारी वकील नियुक्त करने की भी घोषणा की है।
घटना की जानकारी: बदलापुर के एक प्रमुख स्कूल में दो बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न की घटना ने पूरे इलाके में आक्रोश पैदा कर दिया है। आरोप है कि स्कूल के टॉयलेट की सफाई करने वाले कर्मचारी अक्षय शिंदे ने 12 और 13 अगस्त को चार और छह साल की बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न किया। अक्षय शिंदे को 1 अगस्त 2024 को अनुबंध के आधार पर नियुक्त किया गया था और स्कूल ने लड़कियों के शौचालयों की सफाई के लिए कोई महिला कर्मचारी नियुक्त नहीं की थी। आरोपी ने इसका फायदा उठाते हुए बच्चियों के साथ बदसलूकी की।
Chief Editor, Aaj Khabar