ज्योति मौर्य केस: उत्तर प्रदेश की पीसीएस अफसर ज्योति मौर्य और उनके पति आलोक मौर्य के बीच विवाद समझौते के बाद समाप्त हुआ है। समझौते के बाद, आलोक मौर्य ने जांच कमेटी के सामने प्रस्तुती दी। उन्होंने जांच कमेटी के कार्यालय में करीब आधे घंटे तक रुखा रहा और फिर लिखित प्रार्थना पत्र देकर अपनी शिकायत वापस ली।इसके बाद, आलोक मौर्य ने बताया कि उन्होंने समझकर शिकायत वापस लेने का निर्णय लिया है। अनुसार, कुछ यूपी के ब्यूरोक्रेट्स ने पति-पत्नी के बीच समझौता कराया है। आलोक मौर्य की ओर से शिकायत वापस लिए जाने के बाद, अब एसडीएम ज्योति मौर्य भी पुलिस में की गई शिकायत वापस ले सकती हैं। आलोक मौर्य की शिकायत को वापस लेने के बाद, जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट कमिश्नर प्रयागराज को भेजेगी।
अब सरकार तय करेगी कि इस मामले में जांच की जाएगी या नहीं। इसके बावजूद, आलोक मौर्य के शिकायत वापस लेने से ज्योति मौर्य को बड़ी राहत मिली है। आलोक मौर्य ने पीसीएस ज्योति मौर्य के भ्रष्टाचार की शासन से शिकायत की थी। पीसीएस अफसर बनने के बाद उन्होंने ज्योति मौर्य पर करोड़ों की संपत्ति बनाने का आरोप लगाया था। आलोक मौर्य ने अपनी पत्नी ज्योति मौर्य पर होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे के साथ अवैध संबंध का भी आरोप लगाया था।
ज्योति मौर्या के द्वारा भी दहेज उत्पीड़न का मामला है दर्ज-
ज्योति मौर्य ने धूमनगंज थाने में दहेज उत्पीड़न के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया है। आलोक मौर्य ने पद के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार की शिकायत में एक 32 पन्ने की डायरी सौंपी थी। इस डायरी में लाखों के लेन-देन का विवरण दर्ज है। शासन के निर्देश पर मंडलायुक्त प्रयागराज, विजय विश्वास पंत द्वारा तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया था। इस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में प्रयागराज के एडिशनल कमिश्नर, अमृतलाल बिंद, नियुक्त किए गए थे, और कमेटी के सदस्य के रूप में प्रयागराज के एडीएम प्रशासन हर्ष देव पांडेय और एडिशनल सिटी मजिस्ट्रेट, जसप्रीत कौर, थीं।
Chief Editor, Aaj Khabar