Haldwani News: कुमाऊं आयुक्त और मुख्यमंत्री सचिव दीपक रावत ने शुक्रवार को हल्द्वानी स्थित मिनी स्टेडियम और गौलापार के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने खेल विभाग और पेयजल निर्माण निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि राष्ट्रीय खेलों की तिथियों से पहले सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएं। आयुक्त रावत ने मिनी स्टेडियम में पाथ वे पर लगी बरमूडा ग्रास का निरीक्षण करते हुए पानी के नियमित छिड़काव के निर्देश दिए। साथ ही, जहां घास नहीं उगी थी, वहां लेबलिंग के बाद घास लगाने को कहा।
पेयजल निर्माण निगम के एई शैलेंद्र सिंह भंडारी ने बताया कि 4.36 करोड़ रुपये की लागत से फुटबॉल ग्राउंड बनाने का काम चल रहा है, जिसमें राई ग्रास का प्रयोग किया जा रहा है और सीडिंग का काम जनवरी के पहले सप्ताह तक पूरा हो जाएगा। आयुक्त ने इस काम की दोबारा जांच करने की बात कही।वहीं, वॉलीबॉल कोर्ट में काम ठप होने पर आयुक्त रावत ने नाराजगी जताई और खेल उपनिदेशक राशिदा सिद्दीकी से वॉलीबॉल कोर्ट में काम करने वाले मजदूरों के विवरण की जानकारी मांगी। सख्त लहजे में कहा कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजन में कोई भी कार्य रोकना नहीं चाहिए, क्योंकि समय बहुत कम बचा है। इसके बाद आयुक्त रावत गौलापार स्थित इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम पहुंचे, जहां खेल अधिकारियों ने उन्हें स्विमिंग पूल, फुटबॉल और क्लोजिंग सेरेमनी के आयोजन की जानकारी दी।
आयुक्त रावत ने इंडोर स्टेडियम का निरीक्षण किया और बताया कि यहां लाइटिंग और एसी का काम चल रहा है। उन्होंने जल्द से जल्द काम पूरा करने के निर्देश दिए और सुरक्षा मानकों को पूरा करने की बात कही। स्विमिंग पूल का निरीक्षण करते हुए एई शैलेंद्र सिंह भंडारी ने बताया कि यह ऑल वेदर पूल है और इसमें हीटिंग सिस्टम लगाया जा रहा है। आयुक्त ने आयोजन के लिए मैन पॉवर का आकलन करने को कहा ताकि बाद में किसी प्रकार की परेशानी न हो। आयुक्त रावत ने स्टेडियम के बाहर अवैध निर्माण हटाने की भी बात की और उपनिदेशक सिद्दीकी से कहा कि यदि कोई समस्या हो तो उसे लिखित में सौंपा जाए ताकि वह और जिलाधिकारी जल्द समाधान कर सकें।
इस मौके पर सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेयी, एसडीएम परितोष वर्मा, जल संस्थान ईई आरएस लोशाली, जिला क्रीड़ाधिकारी निर्मला पंत और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।ग है, जिसमें आंख के लेंस का धुंधलापन हो जाता है। यह समस्या धीरे-धीरे बढ़ती है और शुरुआत में किसी विशेष लक्षण का अहसास नहीं होता, लेकिन समय के साथ देखने में धुंधलापन, पीलेपन या विकृति का अनुभव होता है। मोतियाबिंद के प्रमुख कारणों में उम्र बढ़ना, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, धूम्रपान, शराब का सेवन, पोषण की कमी और आंखों की चोट शामिल हैं। इसका इलाज ऑपरेशन से संभव है, और इस शिविर के माध्यम से मरीजों को समय रहते उपचार मिलेगा।
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Chief Editor, Aaj Khabar