Haldwani News: स्मार्ट मीटर को लेकर कांग्रेस पार्टी और उत्तराखंड सरकार के बीच तनातनी जारी है। कांग्रेस ने स्मार्ट मीटर की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं और इसका विरोध भी किया है, जबकि राज्य सरकार ने इसे लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पहले चरण में हल्द्वानी शहर के विद्युत विभाग के कार्यालय और सरकारी दफ्तरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं, जबकि कुछ उपभोक्ताओं की मांग पर उनके घरों में भी यह मीटर लगने लगे हैं।
विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता, नवीन मिश्रा ने बताया कि विभाग ने पहले चरण में अपने बिजली घरों, ट्रांसफार्मरों और अधिकारियों के परिसरों में स्मार्ट मीटर लगाने का निर्णय लिया है। यह कदम स्मार्ट मीटर की कार्यक्षमता और उससे जुड़ी तकनीकी समस्याओं को समझने और उनका समाधान करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
मिश्रा ने कहा कि स्मार्ट मीटर की कार्यप्रणाली और यूपीसीएल के डेटाबेस के साथ इसकी इंटीग्रेशन का परीक्षण किया जा रहा है। फिलहाल, 136 स्मार्ट मीटर बिजली घरों के फीडरों पर पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं। इस दौरान यदि कोई तकनीकी समस्या सामने आती है, तो उसे प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाएगा।
इस पहल का उद्देश्य है कि विभाग के अधिकारी और कर्मचारी स्वयं स्मार्ट मीटर की तकनीकी बारीकियों को समझें, ताकि उपभोक्ताओं को निर्बाध सेवाएं प्रदान की जा सकें। उन्होंने बताया कि स्मार्ट मीटर में अब बिलिंग की आवश्यकता नहीं होगी, और उपभोक्ता मोबाइल की तरह ऑनलाइन बिजली के मीटर को रिचार्ज कर सकेंगे।
हालांकि, कांग्रेस पार्टी ने स्मार्ट मीटर की कार्यप्रणाली और इसके संभावित खर्च को लेकर विरोध जारी रखा है। पार्टी का कहना है कि स्मार्ट मीटर का क्रियान्वयन महंगा और उपभोक्ताओं के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
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Chief Editor, Aaj Khabar