Haldwani News: उत्तरायणी मेले के अवसर पर पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच द्वारा मंगलवार को हल्द्वानी शहर में एक भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया, जो कुमाऊं की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं का जीवंत रूप प्रस्तुत करती हुई शहर की सड़कों से गुजरी। इस यात्रा में शहरवासियों ने उत्साह और जोश के साथ भाग लिया, जिसमें बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे सभी उमंग के साथ शामिल हुए। छोटे बच्चे पारंपरिक उद्घोष ष्काले कौआ काले घुघुति माला खालेष् करते हुए सड़कों पर कदम से कदम मिलाकर चल रहे थे।
शोभायात्रा की शुरुआत हीरा नगर स्थित पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच से हुई और यह यात्रा कालाढूंगी रोड से होते हुए प्रेम सिनेमा, स्टेशन रोड, रेलवे बाजार, नया बाजार, मीरा मार्ग, सिंधी चौराहा और कालाढूंगी चौराहा होते हुए पुनः उत्थान मंच पर समाप्त हुई। इस दौरान शहर के विभिन्न स्थानों पर लोगों ने सड़कों के दोनों किनारे खड़े होकर पुष्पवर्षा के साथ शोभायात्रा का स्वागत किया। हजारों की संख्या में लोग इस सांस्कृतिक जुलूस में शामिल हुए, जिससे कुमाऊं की सांस्कृतिक धारा का उत्सव और भी जीवंत हो उठा।
शोभायात्रा में विभिन्न देवी-देवताओं की आकर्षक झांकियों ने यात्रा को और भी रंगीन और आकर्षक बना दिया। खास तौर पर सीमांत बरपटिया (ज्येष्ठरा) जनजाति उत्थान समिति मुनस्यारी की झांकी ने सबका मन मोह लिया। इस झांकी में नन्हें मुन्ने बच्चे ढोल-दमाऊ बजाते हुए जब सड़कों पर निकले, तो लोग उनकी बेजोड़ उत्साह और ऊर्जा को देख थिरकने को मजबूर हो गए।
यात्रा में पारंपरिक रंगाली पिछौड़ा पहनने वाली महिलाएं ष्खोल दे माता खोल भवानी धार में किवाड़ष् और ष्झोड़ाष् गीत गाती हुई चल रही थीं, जिससे पूरी यात्रा में एक अलग ही रंग और सुर समाहित हो गया। इसके अलावा, छोलिया नृतक दल ने अपनी पारंपरिक नृत्य कला से शोभायात्रा में चार चांद लगाए।
इस यात्रा के दौरान एक अनूठी बात यह भी रही कि जुलूस की सेवा में विभिन्न धर्मों के लोग भी आगे आए। उन्होंने साम्प्रदायिक सौहार्द और एकता का संदेश देते हुए जुलूस में शामिल लोगों को खीर, खिचड़ी, आलू, पूरी और पानी जैसे पारंपरिक खाद्य पदार्थों से स्वागत किया।
For Latest News Updates Click Here
Chief Editor, Aaj Khabar