New Delhi News: बांग्लादेश में हिंसा रोकने को ठोस कदम उठाए सरकार, आरएसएस ने की मांग

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New Delhi News: बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने खुद स्वीकार किया है कि शेख हसीना सरकार के सत्ता से हटने के बाद देश में अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं पर 88 बार हमले हुए हैं। इन घटनाओं को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने भी गहरी चिंता व्यक्त की है।

आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख, सुनील आंबेकर ने इस संबंध में कहा कि केंद्र सरकार को बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा को रोकने के लिए और ठोस कदम उठाने चाहिए। नागपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आंबेकर ने कहा, बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है, उससे हर हिंदू को आक्रोशित होना चाहिए। यह सिर्फ निंदा करने या दुख जताने का समय नहीं है, बल्कि हमें गुस्से और दुख से आगे बढ़कर ठोस कार्रवाई की दिशा में सोचना होगा।

उन्होंने आगे कहा कि बांग्लादेश में मंदिरों को जलाया जा रहा है, लूटा जा रहा है और महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं। आंबेकर ने यह भी कहा कि यदि बातचीत से समस्या का समाधान नहीं निकलता, तो हिंसा को रोकने के लिए अन्य उपायों की तलाश करनी चाहिए।

बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने मंगलवार को पुष्टि की कि शेख हसीना के सरकार से हटने के बाद से 5 अगस्त से 22 अक्टूबर तक अल्पसंख्यकों पर 88 हमले हुए हैं। इन हमलों में 70 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आलम ने बताया कि इन घटनाओं से संबंधित अधिक मामले दर्ज किए गए हैं, और गिरफ्तारियों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि हाल के दिनों में हिंसा की और घटनाएं सामने आई हैं।
बांग्लादेश में हिंदू, बौद्ध, जैन और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा के मामलों की बढ़ती संख्या ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता पैदा कर दी है। अब सवाल उठता है कि बांग्लादेश सरकार इन घटनाओं को रोकने के लिए कितने प्रभावी कदम उठाएगी, और क्या भारत सरकार इस मुद्दे पर आगे कोई ठोस पहल करेगी।

 

 

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