New Delhi News: एक अमेरिकी एनजीओ की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि दुनिया की प्रमुख पैकेज्ड फूड और पेय कंपनियां भारत और अन्य कम आय वाले देशों में ऐसे खाद्य उत्पाद बेच रही हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। वहीं, उच्च आय वाले देशों में वही कंपनियां अपने उत्पादों की गुणवत्ता और पोषण में काफी सुधार करती हैं, जिससे उनकी हैल्थ स्टार रेटिंग ज्यादा होती है।
यह रिपोर्ट एक्सेस टू न्यूट्रिशन इनिशिएटिव द्वारा तैयार की गई है, जो एक स्वतंत्र और गैर-लाभकारी संगठन है। इस रिपोर्ट के अनुसार, निम्न और निम्न-मध्यम आय वाले देशों में बिक रहे पैकेज्ड फूड और पेय पदार्थों की औसत हैल्थ स्टार रेटिंग 5 में से 1.8 रही है, जबकि उच्च आय वाले देशों में यह रेटिंग 2.3 रही। ATNI ने खाद्य कंपनियों के उत्पादों की पोषण गुणवत्ता का विश्लेषण किया और पाया कि निम्न आय वाले देशों में बेचने वाले उत्पादों की गुणवत्ता, उनके उच्च आय वाले समकक्षों से काफी कम है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जिन देशों में यह कम गुणवत्ता वाले उत्पाद बेचे जा रहे हैं, उनमें भारत के अलावा इथियोपिया, घाना, केन्या, नाइजीरिया, पाकिस्तान, फिलीपीन्स, तंजानिया और वियतनाम जैसे देश शामिल हैं।
‘हैल्थ स्टार रेटिंग’ एक वैश्विक प्रणाली है, जो खाद्य उत्पादों की पोषण गुणवत्ता को एक स्केल पर मापने का काम करती है। इस प्रणाली में 5 में से 3.5 या उससे अधिक स्कोर वाले उत्पादों को स्वास्थ्य के लिए बेहतर माना जाता है, जबकि 1.8 के स्कोर से नीचे के उत्पादों को श्कम हैल्दीश् माना जाता है। एटीएनआई के मुताबिक, उच्च आय वाले देशों में पैकेज्ड फूड कंपनियां अपने उत्पादों को बेहतर बनाकर अधिक स्कोर प्राप्त करती हैं, जबकि कम आय वाले देशों में स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के बावजूद ये कंपनियां सस्ती और कम गुणवत्ता वाले उत्पादों को बेचती हैं।
भारत, जो इस रिपोर्ट में शामिल देशों में प्रमुख है, में भी यह अंतर साफ देखा जा सकता है। यहां के उपभोक्ता अधिकतर सस्ती और कम पोषक तत्वों वाले पैकेज्ड फूड्स का सेवन करते हैं, जिनकी तुलना में उच्च आय वाले देशों में कंपनियां पोषण संबंधी मानकों को अधिक महत्व देती हैं। इससे भारतीय उपभोक्ताओं की सेहत पर दीर्घकालिक नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि इस प्रकार के खाद्य पदार्थ अधिक कैलोरी, चीनी, नमक और वसा से भरपूर होते हैं, जो मोटापा, मधुमेह और हृदय रोगों जैसे स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
‘एक्सेस टू न्यूट्रिशन इनिशिएटिव’ का मिशन है कि दुनिया भर में बेहतर पोषण तक पहुंच सुनिश्चित की जाए। यह संगठन खाद्य उद्योग, नीति निर्माताओं और निवेशकों को स्वस्थ खाद्य प्रणालियां बनाने के लिए चुनौती देता है। एटीएनआई का मानना है कि खाद्य कंपनियों को यह जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि वे ऐसे उत्पादों का उत्पादन करें जो केवल व्यापारिक लाभ के बजाय उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य को भी प्राथमिकता दें।
एटीएनआई द्वारा किए गए डेटा विश्लेषण में यह दिखाया गया है कि कैसे खाद्य कंपनियां उच्च और निम्न आय वाले देशों में अलग-अलग प्रकार के उत्पादों का विपणन करती हैं। संगठन का कहना है कि अब समय आ गया है जब खाद्य कंपनियों को अपनी वैश्विक रणनीतियों में समानता लानी होगी, ताकि सभी देशों में उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता और पोषण से भरपूर खाद्य उत्पाद मिल सकें।
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Chief Editor, Aaj Khabar