New Delhi News: संसद हमले की 23वीं वर्षगांठ पर शहीदों को श्रद्धांजलि

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New Delhi News: आज से 23 साल पहले, 13 दिसंबर 2001 को आतंकवादियों ने भारतीय संसद भवन पर हमला किया था। इस हमले के दौरान हमारे वीर जवानों ने अपनी जान की आहुति देकर इस हमले को नाकाम कर दिया था। हालांकि, इस हमले में दिल्ली पुलिस के 8 बहादुर जवान शहीद हो गए थे। आज इस हमले की 23वीं वर्षगांठ पर संसद भवन में सभी सांसद शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इस अवसर पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि देश आतंकवादी ताकतों के खिलाफ एकजुट है। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से राष्ट्रपति ने लिखा, मैं उन वीरों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं जिन्होंने 2001 में आज के दिन हमारी संसद की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी। उनका साहस और निस्वार्थ सेवा हमें प्रेरित करती रहेगी। राष्ट्र उनके और उनके परिवारों के प्रति हमेशा कृतज्ञ रहेगा। इस दिन, मैं आतंकवाद से लड़ने के लिए भारत के अटूट संकल्प को दोहराती हूं। हमारा देश आतंकवादी ताकतों के खिलाफ एकजुट है।

 

13 दिसंबर 2001 को सुबह लगभग 11.30 बजे एक सफेद एंबेसडर कार में सवार पांच आतंकवादी संसद भवन के गेट नंबर 12 से घुसे। गोलियों की आवाज सुनते ही सीआरपीएफ के जवानों ने जवाबी कार्रवाई शुरू की। हमले के समय तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी, कई मंत्री, सांसद और पत्रकार संसद में मौजूद थे।

एक आतंकवादी ने गेट नंबर 1 से संसद में घुसने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा बलों ने उसे मार गिराया। शेष आतंकवादियों ने अन्य गेट से घुसने की कोशिश की, और सुरक्षा बलों ने चार में से तीन आतंकवादियों को मार गिराया। अंतिम आतंकवादी को भी मार गिराया गया। इस संघर्ष के दौरान 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए, जिनमें दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल जगदीश, मातबर, कमलेश कुमारी, नानक चंद, रामपाल, हेड कांस्टेबल ओम प्रकाश, बिजेंद्र सिंह और घनश्याम शामिल थे। इसके अलावा, सीपीडब्ल्यूडी के माली देशराज भी शहीद हो गए थे।

 

जांच में यह सामने आया कि यह हमला लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी संगठनों द्वारा किया गया था। इस हमले का उद्देश्य भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित करना और देश को अस्थिर करना था।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी बलिदान भावना और साहस राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरणा देने वाला है। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, लोकतंत्र के प्रतीक भारतीय संसद पर हुए आतंकवादी हमले में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को कोटि-कोटि नमन। आपकी कर्तव्यनिष्ठा, अदम्य साहस और सर्वाेच्च बलिदान राष्ट्र के प्रति आपकी अटूट निष्ठा का प्रमाण है। आपकी वीरता की गाथा हमें सदैव राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करती रहेगी।

 

 

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