New Delhi News: संसद के शीतकालीन सत्र के 11वें दिन, यानी सोमवार को, लोकसभा और राज्यसभा में जबरदस्त हंगामा देखने को मिला। लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही, विपक्षी दलों ने शोर-शराबा शुरू कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप सदन को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। वहीं, राज्यसभा में भी विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच नोकझोंक जारी रही। दोनों सदनों में अदाणी और जॉर्ज सोरोस-सोनिया गांधी के बीच सांठगांठ के आरोपों पर विवाद गहराया।
राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने सदन की कार्यवाही स्थगित करने के खिलाफ आवाज उठाई और इसे चलाने की मांग की, जबकि ट्रेजरी बेंच आक्रामक अंदाज में नजर आया। इस दौरान, आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने शून्यकाल और प्रश्नकाल की कार्यवाही जारी रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।
संजय सिंह ने कहा, “हम चाहते हैं कि सदन में प्रश्नकाल और शून्यकाल अनिवार्य रूप से चलना चाहिए, ताकि सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी बात रख सकें।” उन्होंने यह भी कहा कि संसद में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए, और किसी भी प्रकार की रुकावट नहीं होनी चाहिए।
इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने संजय सिंह को संबोधित करते हुए कहा, “कल मैं अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में शामिल होने के लिए कुरुक्षेत्र गया था, और वहां मुझे संजय की याद आई। महाभारत में संजय ने धृतराष्ट्र को जो कुछ भी देखा था, वही मैंने भी पांच दिनों तक देखा। सदन में बार-बार कार्यवाही को स्थगित किया गया, और इस बार संजय सिंह वेल में नहीं आए, लेकिन उन्होंने भी देखा कि सदन में कितनी बार रुकावट आई।”
धनखड़ ने आगे कहा, “मुझे यह सोचकर पीड़ा होती है कि जो आप कह रहे हैं, वही आप खुद पहले भूल गए। किसी भी रूप में सदन की कार्यवाही को बाधित नहीं करना चाहिए। हमारे पास भारतीय संविधान को अपनाने की एक शताब्दी की चौथी तिमाही का अहम मौका है। हम सभी को यह जिम्मेदारी समझनी चाहिए कि सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से चलनी चाहिए।”
इस बयान के साथ ही उन्होंने सदस्यों से अपील की कि सदन में बिना किसी रुकावट के चर्चा हो और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का सम्मान किया जाए।
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Chief Editor, Aaj Khabar