Prayagraj News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ के बीच श्रीपंचदशनाम आवाहन अखाड़े ने अपनी भव्य पेशवाई यात्रा (छावनी प्रवेश शोभायात्रा) निकाली, जिसे देखने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। इस दौरान नागा संतों ने भाला, तलवार और त्रिशूल से अद्भुत करतब दिखाए, जिससे भक्तों में गजब का उत्साह और भक्ति का संचार हुआ। हर कोई संतों के दर्शन करने के लिए भावविभोर था और पुष्पवर्षा कर उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त कर रहा था।
आवाहन अखाड़े के संतों ने मड़ौका स्थित आश्रम में विधिवत पूजन किया, जिसके बाद वे अस्त्र-शस्त्रों के साथ छावनी प्रवेश की यात्रा के लिए निकल पड़े। अखाड़े के आराध्य भगवान सिद्ध गणेश की पालकी के साथ संतों का लंबा काफिला आगे बढ़ा। यह यात्रा नए यमुना पुल से होते हुए मेला क्षेत्र में दाखिल हुई। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं और प्रशासन के अधिकारियों ने जगह-जगह पुष्पवर्षा और जयकारा लगाकर संतों का स्वागत किया।
आवाहन अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अरुण गिरि के नेतृत्व में यात्रा आगे बढ़ी। स्वामी अरुण गिरि ने बताया कि आवाहन अखाड़ा सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और यह अखाड़ा अब तक 122 महाकुंभ और 123 कुंभ कर चुका है। यात्रा के दौरान अखाड़े ने महाकुंभ क्षेत्र में प्रवेश करते हुए त्रिवेणी पांटून पुल से अपनी छावनी में प्रवेश किया।
आवाहन अखाड़े ने इस बार एक महत्वपूर्ण संदेश दिया दृ ष्वृक्ष लगाओ, सृष्टि बचाओष्। इस अभियान के तहत संतों ने पर्यावरण संरक्षण का आह्वान किया। अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर ने कहा कि वर्तमान समय में सृष्टि के सामने सबसे बड़ा संकट पर्यावरण का है, और इस संकट से निपटने के लिए वृक्षारोपण अत्यंत आवश्यक है। संतों ने महाकुंभ में 51,000 फलदार पौधे भक्तों को प्रसाद के रूप में वितरित करने का संकल्प लिया।
यात्रा में रथों में सवार महामंडलेश्वर और संतों के साथ-साथ घोड़ों और ऊंटों पर सवार नागा संत भी शामिल थे। इसके अलावा कई संत ध्वज-पताका लेकर पैदल यात्रा में शामिल हुए। यात्रा के दौरान अखाड़े के पंच परमेश्वर और रमता पंच भी शामिल थे। यात्रा का प्रमुख आकर्षण अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर का रथ था, जिस पर श्रद्धालु लगातार जयकारे लगाते रहे।
Chief Editor, Aaj Khabar