Sambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 1978 में हुए दंगे की फाइल फिर से खोली जाएगी। प्रदेश सरकार ने इस मामले में जांच करने के लिए संभल प्रशासन और पुलिस से सात दिनों में रिपोर्ट मांगी है। यह कदम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा विधानसभा सत्र में संभल दंगे पर वक्तव्य देने के बाद उठाया गया है।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा था कि 1947 से लेकर अब तक संभल में कुल 209 हिंदू दंगों के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं। 29 मार्च 1978 को हुए इस दंगे में शहर में भयंकर आगजनी हुई थी, और कई हिंदू मारे गए थे। इस दौरान 40 रस्तोगी परिवारों को भय के कारण अपने घर छोड़कर पलायन करना पड़ा था। पलायन के गवाह अभी भी जीवित हैं। इस दंगे में मंदिरों में पूजा करने वाला कोई भी व्यक्ति नहीं बचा था। 46 साल बाद, इस घटना से जुड़ी फाइलों को फिर से खंगालने का काम तेज हो गया है, जिससे अधिकारियों ने मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है।
29 मार्च 1978 को हुए दंगे ने संभल शहर को आग की लपटों में झोंक दिया था। हालात को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने कर्फ्यू लगाया था, लेकिन शहर में दोनों समुदायों के बीच तनाव की स्थिति बनी रही, जिसके कारण कर्फ्यू का समय बढ़ा दिया गया। यह कर्फ्यू दो महीने तक जारी रहा।
संभल दंगे के 46 साल बाद अब अधिकारियों ने इस मामले की जांच फिर से शुरू कर दी है। कई मंदिरों के बंद पट फिर से खोले गए हैं, और दंगे से संबंधित फाइलों की छानबीन की जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के वक्तव्य के बाद प्रशासन ने मामले में नए सिरे से कार्रवाई शुरू कर दी है।
संभल दंगे की जांच को लेकर सरकार ने कार्रवाई तेज कर दी है, और अब जल्द ही इस घटना से जुड़े तथ्य सामने आने की उम्मीद है। प्रशासन और पुलिस इस मामले में पूरी तत्परता से काम कर रहे हैं, ताकि इस विवादास्पद घटना की सच्चाई सामने आ सके।
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Chief Editor, Aaj Khabar