लीवर की नली में फंसा था कीड़ा और स्टोन, श्रीराम अस्पताल हल्द्वानी के डाक्टर ने ईआरसीपी तकनीक से बचाई महिला की जान।

लीवर की नली में फंसा था कीड़ा और स्टोन, श्रीराम अस्पताल हल्द्वानी के डाक्टर ने ईआरसीपी तकनीक से बचाई महिला की जान।
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हल्द्वानी। श्रीराम हॉस्पिटल के गैस्ट्रो विभाग के चिकिसकों की टीम ने ईआरसीपी तकनीक से एक महिला के पित्त की थैली और लीवर की नली में फंसे कीड़े को निकालने में सफलता पाई है। इतना ही नहीं नली में स्टोन भी भरे पड़े थे। अस्पताल के गेस्ट्रो विशेषज्ञ डा. अमरपाल सिंह ने ईआरसीपी तकनीक से नली में फंसे कीड़े और स्टोन को बाहर निकाला। महिला अब स्वास्थ्य लाभ ले रही हैं उसे जल्द ही छुट्टी दे दी जाएगी।

डा. अमरपाल सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि हल्द्वानी निवासी एक 30 वर्षीय महिला लंबे समय से पेट दर्द से परेशान थी। महिला 6 दिसंबर केा श्रीराम अस्पताल पहुंची थी। महिला ने अपनी समस्या बताई जिसके बाद उसकी जांच कराई गई। अल्ट्रा साउण्ड में पता चला कि पित्त की थैली की नली और लिवर की नली में बड़ा कीड़ा फंसा हुआ था। इतना ही नहीं नली भी स्टोन से भरी हुई थी। इसके बाद मरीज की ईआरसीपी करने का निर्णय लिया गया। शुक्रवार को ईआरसीपी तकनीक से नली में भरे कीड़े और स्टोन को बाहर निकाल लिया गया। इस ऑपरेशन को बिना चीरा लगाए किया जाता है। उन्होंने बताया कि ईआरसीपी वह तकनीक है जिसमें मुंह के रास्ते दूरबीन की मदद से एक नली डाली जाती है और उसके माध्यम से स्टोन और इस तरह की समस्या को दूर किया जाता है। मरीज अब स्वास्थ्य लाभ ले रहा है। गैस्ट्रोलाजिस्ट डा. अमरपाल सिंह ने बताया कि नली में कीड़ा और पथरी भर जाने से जान का जोखिम रहता है। नली इस तरह से बाधित होने से पीलिया भी बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि पेट के कीड़ों से निजात पाने के लिए एक साल में कीड़े की गोली अवश्य खानी चाहिए ताकि इस तरह की समस्या से बचा जा सके। उन्होंने बताया कि महिला अब स्वास्थ्य लाभ ले रही है और जल्द ही उसे छुट्टी प्रदान कर दी जाएगी।

लीवर की नली में फंसा था कीड़ा और स्टोन, श्रीराम अस्पताल हल्द्वानी के डाक्टर ने ईआरसीपी तकनीक से बचाई महिला की जान।

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