हल्द्वानी। शहर के वनभूलपुरा में हुई हिंसा के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक्शन मोड में हैं। एक ओर जहां दंगाइयों का अच्छे से इलाज हो रहा है वहीं दूसरी ओर हथियार रखने वालों पर भी सरकार की नजर टेढ़ी हो गई है। मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश के बाद जिलाधिकारी वंदना सिंह ने वनभूलपुरा में 120 लोगों के 127 शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं। डीएम ने लाइसेंसधारकों से 24 घंटे के भीतर अपने हथियार जमा कराने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि बीती गुरूवार को क्षेत्र के मलिक के बगीचे में अवैध रूप से बने धार्मिक स्थल ढहाए जाने के बाद वनभूलुपरा में हिंसा भड़क गई। दंगाइयों ने पुलिस और प्रशासन के लोगों पर पथराव व पेट्रोल बम से हमला कर दिया जिसमें दर्जनों लोग चोटिल हो गए थे। वहीं सैकड़ों वाहनों में भी आग लगा दी गई। वनभूलपुरा में भड़के दंगों को देखते हुए सरकार ने भी बड़ा एक्शन ले लिया। दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश देने के साथ ही पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया। इधर शनिवार की रात को प्रशासन ने वनभूलपुरा को छोड़कर शेष शहर से कर्फ्यू हटा दिया गया। इधर दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने दंगे में शामिल उपद्रवियों के खिलाफ 147, 148, 149, 307, 395, 323, 341, 342, 353, 427, 436 व धारा 3/4 उत्तराखंड लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम बनाम महबूब आलम आदि दर्ज किए हैं। हिंसा में लाइसेंसी हथियारों का दुरूपयोग कर लाइसेंस की शर्तों का उल्लंघन किया गया। अंदेशा है कि निकट भविष्य में क्षेत्र में अतिक्रमण हटाओ अभियान हटाए जाने के दौरान शस्त्रों का दुरूपयोग हो सकता है। ऐसे में जिलाधिकारी वंदना सिंह ने वनभूलुपरा क्षेत्र के 120 शस्त्र लाइसेंस धारकों के 127 शस्त्र लाइसेंसों को अग्रिम आदेशों तक निलंबित कर दिया है। इसके अलावा कुछ स्थानीय नेताओं की सुरक्षा भी वापस ले ली गई है। प्रशासन का कहना है कि हिंसा में शामिल लोगों की पहचान करने के बाद यह कार्रवाई की गई है। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि कोई कितना ही प्रभावशाली क्यों न हो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं वनभूलपुरा क्षेत्र में केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की चार कंपनियां हिंसाग्रस्त क्षेत्र में पहुंच गई है। पैरा मिलिट्री फोर्स के य जवान अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं।
Chief Editor, Aaj Khabar