अल्मोड़ा। पं गोविंद बल्लभ पंत राजकीय संग्रहालय की कलाकृतियां देहरादून से वापस आ गई हैं। पिछले साल जुलाई में देहरादून ले जाई गई इन मूर्तियों का खासा पुरातात्विक व ऐतिहासिक महत्व है। संग्रहालय के प्रभारी निदेशक डा. चंद्र सिंह चैहान ने यह जानकारी दी है। दरअसल इन मूर्तियों को हिमालयन सांस्कृतिक कला केंद्र गड़ी केंट देहरादून ले जाया गया था। जहां निनाद नाम से प्रदर्शनी लगी थी, हेतु भेजी गईं थीं। वहां इन मूर्तियों के माध्यम से दर्शकों ने कुमाऊं की कलाकृतियों को देखा और इनके माध्यम से इस भूभाग के इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व की वृहद जानकारी हासिल की।स्थानीय दर्शकों के साथ ही पर्यटक व शोधार्थी भी इससे लाभान्वित हुए। पर्यटकों के लिए यह आकर्षण का केंद्र रहे और उन्होंने प्रदर्शनी की सराहना भी की। यहां के अलावा संस्कृति विभाग ने इन कलाकृतियों की अनुकृति निमार्ण कर निर्माणाधीन संग्रहालय में प्रदर्शित किया गया। इस में मूल प्रदर्शित कलाकृतियों की फिजिकल एवं सॉल्वेंट क्लीनिंग क्रोमेटिक इंटीग्रेशन एवं अनुकृति निमार्ण शामिल रहा। इसके बाद सभी कलाकृतियां मूल रूप में संग्रहालय अल्मोड़ा को वापस कर दिया गया है। वापसी के लिए सभी कलाकृतियों की पैकिंग म्यूजियम एवं कंजर्वेशन विशेषज्ञों की देखरेख में की गई। शनिवार को हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र देहरादून से पूरी सुरक्षा के साथ मूर्तियां यहां पहुंचा दी गई हैं। इनको मल्ला महल में प्रस्तावित संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा। इधर इस बीच संग्रहालय की अन्य कलाकृतियों का भी अनुरक्षण एवं जीर्णोद्धार का कार्य प्रगति पर रहेगा। मूर्तियों की वापसी के कार्य का समन्वय जनमेजय तिवारी ने किया। इसमें शिवराज सिंह बिष्ट रविंद्र सिंह बिष्ट, दीपक कुमार, जोगा राम।पूरन सिंह भारत वाल्मिकी आदि का भी सहयोग रहा।
Chief Editor, Aaj Khabar