बाल अधिकारों के प्रति ओर अधिक संवेदनशीलता की दरकारः डा खन्ना, उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने रखे विचार।

बाल अधिकारों के प्रति ओर अधिक संवेदनशीलता की दरकारः डा खन्ना, उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने रखे विचार।
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अल्मोड़ा। उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डा. गीता खन्ना ने कहा है कि बाल अधिकारों को लेकर समाज में और अधिक संवेदनशीलता की दरकार है। उन्होंने कहा कि समाज के जागरूक होने पर ही हम बाल अधिकारों का सही मायने में पालन कर सकेंगे। डा. खन्ना ने मंगलवार को स्प्रिंग डेल्स सीनियर सैकण्डरी स्कूल में आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए यह विचार व्यक्त किए। कार्यशाला का विषय बाल अधिकारों एवं बाल सुरक्षा के संबंध में संवेदीकरण रखा गया था।

उन्होंने कहा कि बच्चों को उनके अधिकारों की जानकारी के साथ ही समाज को इनका पालन सुनिश्चित करने के लिए आगे आना होगा। आयोग लोगों में इसके प्रति जागरूकता लाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि इसमें अभिभावकों के साथ ही जिला प्रशासन न्याय विभाग राजनैतिक दल तथा सामाजिक संस्थाओं को मिल कर प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि हर स्तर पर बाल अधिकारों की चर्चा की दरकार है। डा खन्ना ने कार्यशाला में मौजूद छात्र-छात्राओं को बाल अधिकारों की विस्तृत जानकारी भी दी। उन्होंने प्रदेश सरकार के स्तर से बच्चों के लिए चल रही योजनाओं पर भी प्रकाश डाला। कहा कि इसकी जानकारी आम जन तक पहुंचानी होगी ताकि पात्रों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार गरीब तबके के बच्चों को बेहतर स्कूलों से शिक्षा देने के लिए ठोस पहल कर रही है।

उन्होंने कहा कि आयोग बाल विकास सभा का गठन कर रहा है। इनके माध्यम से स्कूलों ऑगनबाड़ी केंद्रों व शिशु सदनों में बच्चों के बीच जाकर संवाद स्थापित किया जा रहा है। उनकी समस्याओं को जानने एवं उनका समाधान किये जाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आयोग यह सुनिश्चित कर रहा है कि सभी प्रकार के स्कूलों में बच्चों के अधिकारों का किसी प्रकार का हनन नहीं हो। कोचिंग संस्थानों पर विशेष नजर रखी जा रही है।

कार्यशाला में सीओ विमल प्रसाद ने सड़क सुरक्षा को लेकर अहम जानकारी दी। सीईओ अंबादत्त बलौदी ने शिक्षा विभाग की योजनाओं पर प्रकाश डाला। कार्यशाला में आयोग की सदस्य रेखा रौतेला विनोद कपरवान सुमन राय व अजय वर्मा भाजपा जिलाध्यक्ष रमेश बहुगुणा ने भी विचार रखे। इस मौके पर बाल कल्याण समिति के जिलाध्यक्ष रघु तिवारी सदस्य मीता उपाध्याय भगवती प्रसाद पांडे चंद्रा लटवाल व त्रिलोक सिंह लटवाल भाजपा जिला महामंत्री धमेंद्र बिष्ट पूर्व जिलाध्यक्ष रवि रौतेला जिला प्रोबेशन अधिकारी कल्पना मनराल जिला कार्यक्रम अधिकारी पीतांबर प्रसाद यातायात निरीक्षक गणेश सिंह हरड़िया अयूब अली बाल विकास विभाग से पीसी जोशी योगेश कुमार गीता जोशी नीलिमा जोशी आनंद बल्लभ कांडपाल आदि उपस्थित थे।

 

 

प्रदेश में बालश्रम कराने के 73 से अधिक एफआईआरः-

अल्मोड़ा। उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डा गीता खन्ना ने कहा है कि बालश्रम पर प्रभारी रोक लगान के लिए आयोग पूरी तरह सतर्क बना हुआ है। इसको लेकर प्रदेश में 73 से अधिक मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है। डा खन्ना ने मीडिया से संक्षिप्त वार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जब पढ़े लिखे लोग जोकि उद्योग संचालित कर रहे हैं बालश्रम करवाते पाए जाते हैं तो गंभीर स्थिति होती है। ऐसे मामले के सामने आने पर आयोग सख्त कदम उठाने को बाध्य होता है। उन्होंने प्रदेश स्तर पर सधन अभियान चल रहा है। इस बीच शिडकुल हरिद्वार में ऐसे मामले सामने आए हैं। जिन पर कानूनी कार्रवाई की गई है। वहीं ट्रेनिंग अभियान भी चल रहा है। उन्होंने कहा कि हर जिले में टास्क फोर्स बना है। यहां बाल कल्याण समिति ( सीडब्लूसी) बेहतर काम कर रही है। हालांकि एफआईआर नहीं हुए हैं रेस्क्यू आपरेशन कमजोर रहे हैं। जिला स्तर के अधिकारियों से सकारात्मक वार्ता हुई है। कुमाऊं के लेबर कमिश्नर से भी इसको लेकर वार्ता हुई है। उन्होंने कहा कि जिले में शिशु सदन की व्यवस्था संतोष जनक पाई गई है। वहां रह रहे बच्चों से उन्होंने संवाद भी किया।

बाल अधिकारों के प्रति ओर अधिक संवेदनशीलता की दरकारः डा खन्ना, उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने रखे विचार।

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