‘कन्यादान’ से पहले ’विद्यादान’ की संस्कृति को अपनाएः मुख्यमंत्री, बागेश्वर में चेलि ब्वारयूं कौतिक।

‘कन्यादान’ से पहले ’विद्यादान’ की संस्कृति को अपनाएः मुख्यमंत्री, बागेश्वर में चेलि ब्वारयूं कौतिक।
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बागेश्वर। कपकोट के केदारेश्वर मैदान में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को आयोजित चेलि ब्वारयूं कौतिक (मातृशक्ति उत्सव) कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्होंने 9976.48 लाख की कुल 37 योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। जिसमें 1887.07 लाख की 11 योजनाओं का लोकार्पण एवं 8089.41 लाख की 26 योजनाओं का शिलान्यास किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत लाभार्थियों को चेक वितरित भी किए। मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों एवं स्वयं सहायता समूह द्वारा लगाए गए स्टालों का अवलोकन किया। उन्होंने विभिन्न घाटियों में निर्मित हस्तशिल्प और हस्तकला उत्पादों की भी सराहना की। मुख्यमंत्री ने स्वयं भी तांबे के बर्तन में कलाकृतियां एवं रिंगाल की टोकरी भी बनाई। उन्होंने सशक्त मातृशक्ति सशक्त उत्तराखंड के तहत मातृशक्ति का पूजन भी किया। शहीदों की वीरांगनाओं को भी सम्मानित किया । साथ ही साहसिक पर्यटन, आपदा प्रबन्धन गतिविधियों का भी अवलोकन मुख्यमंत्री द्वारा किया गया। हजारों की संख्या में मौजूद जनता का अभिनंदन स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाबा बागनाथ की पावन भूमि को नमन किया। उन्होंने कहा चेलि ब्यारयूं कौतिक कार्यक्रम में अपार संख्या में उपस्थित सभी माताओं एवं बहनों को प्रणाम करता हूं। बागेश्वर जिले हेतु 99 करोड़ 77 लाख रुपए की लागत से विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास, बागेश्वर जनपद के विकास में मील का पत्थर साबित होंगी एवं आने वाली पीढ़ियों को भी लाभ मिलेगा। उन्होंने रैली एवं कार्यक्रम में जनता द्वारा दिए गए सम्मान के प्रति सभी का हृदय से आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के निर्माण में मातृ शक्ति के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। मातृ शक्ति अपने परिवार के साथ ही समाज और प्रदेश हितों का भी ख्याल रखती हैं। मातृ शक्ति के सहयोग से ही समाज और राष्ट्र का संपूर्ण विकास संभव है। परिश्रम और मातृ शक्ति एक दूसरे के पूरक हैं। राष्ट्र की मातृ शक्ति शिक्षित होने से उस राष्ट्र का वर्तमान एवं भविष्य सुरक्षित रहता है। वहीं बेटियां अपने ज्ञान से दो-दो घरों को प्रकाशित करती हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में ’’कन्यादान’’ करना सबसे बड़ा पुण्य माना गया है, परंतु हम सभी ’कन्यादान’ से पहले ’विद्यादान’ भी करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने के साथ ही मुख्यमंत्री नारी सशक्तिकरण योजना, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, लखपति दीदी योजना, मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक मेधावी योजना, नंदा गौरा मातृवंदना योजना और महिला पोषण अभियान जैसी योजनाएं प्रारंभ की हैं। प्रदेश की जनता की आवश्यक एवं हितों में जो भी कदम हों, बिना देरी के उठाएं जाएंगे। सांसद अजय टम्टा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड में निरंतर प्रगति के पद पर अग्रसर है। हाल ही में ग्लोबल इन्वेस्टर समिति के तहत दुनिया भर से उद्योग जगत के लोगों को उत्तराखंड में बुलाया गया। आज उत्तराखंड के प्रत्येक क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं स्वयं सहायता समूह से महिलाओं को रोजगार दिया जा रहा है। विधायक सुरेश गढ़िया ने कहा कि पहली बार कपकोट क्षेत्र में इतनी बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए हैं। विभिन्न घाटियों से भी बढ़-चढ़ के लोगों ने इस कार्यक्रम में प्रतिभाग किया है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड राज्य एवं बागेश्वर जनपद निरंतर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री जी कपकोट क्षेत्र की प्रत्येक मांग को पूर्ण प्राथमिकता से लेते हैं। उन्होंने कहा क्षेत्र के विभिन्न स्थानो में खेल मैदान, चिकित्सालय में डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री जी के सामने क्षेत्र की जो भी मांग रखी है वह पूरी हुई है। कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव,विधायक बागेश्वर पार्वती दास, दर्जा राज्य मंत्री शिव सिंह बिष्ट, पूर्व कैबिनेट मंत्री बलवंत सिंह भौर्याल,भाजपा जिला अध्यक्ष इंद्र सिंह फर्स्वाण, वीरेंद्र वल्दिया, जिलाधिकारी अनुराधा पाल, पुलिस अधीक्षक अक्षय कोंडे, अपर जिलाधिकारी एन एस नबियाल, मुख्य विकास अधिकारी आर सी तिवारी, उप जिलाधिकारी मोनिका, अनुराग आर्या, ब्लॉक प्रमुख गोविन्द दानू, पुष्पा देवी, हेमा बिष्ट, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राम सिंह कोरंगा, बिक्रम शाही, सुरेश खेतवाल, कुंदन परिहार, संजय परिहार, घनश्याम जोशी, राजेन्द्र राठौर सहित काफी संख्या में महिलाएं एवं आम जनता मौजूद रही।

‘कन्यादान’ से पहले ’विद्यादान’ की संस्कृति को अपनाएः मुख्यमंत्री, बागेश्वर में चेलि ब्वारयूं कौतिक। ‘कन्यादान’ से पहले ’विद्यादान’ की संस्कृति को अपनाएः मुख्यमंत्री, बागेश्वर में चेलि ब्वारयूं कौतिक।

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