Dehradun News: उत्तराखंड सचिवालय में एक बड़े विवाद ने तूल पकड़ लिया है, जब 6 नवंबर को ऊर्जा सचिव आईएएस मीनाक्षी सुंदरम के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया गया। इस घटनाक्रम के बाद सचिवालय संघ और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) संघ में आक्रोश फैल गया है, जिसके कारण शुक्रवार को आधे दिन के कार्य बहिष्कार का आह्वान किया गया है। संघ ने सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग की है, खासकर बॉबी पंवार और उनके साथियों के खिलाफ। वहीं, इस मामले पर राजनीति भी तेज हो गई है, और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने मुलाकात की है।
घटना की शुरुआत 6 नवंबर को हुई जब ऊर्जा सचिव आईएएस मीनाक्षी सुंदरम ने बॉबी पंवार और उनके दो साथियों पर आरोप लगाया कि तीनों ने सचिवालय स्थित उनके कार्यालय में घुसकर उनके साथ गाली-गलौज की और धक्का-मुक्की की। ऊर्जा सचिव का आरोप है कि बॉबी पंवार टेंडर को लेकर उन पर दबाव बना रहे थे। जब उन्होंने इस दबाव को नकारा किया, तो बॉबी पंवार और उनके साथियों ने कथित तौर पर अपशब्द कहे और हिंसक व्यवहार किया।
मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि बॉबी पंवार ने इस कृत्य के दौरान उनके निजी सचिवों के साथ भी धक्का-मुक्की की। ऊर्जा सचिव ने कहा कि पंवार ने उनसे उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के एमडी अनिल यादव को सेवा विस्तार देने के मुद्दे पर दबाव डालने की कोशिश की थी, और जब उन्होंने इसे ठुकराया, तो यह विवाद सामने आया।
हालांकि, बॉबी पंवार ने इस आरोप का खंडन किया है। उनका कहना है कि वे ऊर्जा सचिव से एमडी यूपीसीएल अनिल यादव को सेवा विस्तार देने के संबंध में आदेश की कॉपी मांगने गए थे। पंवार का दावा है कि सचिव ने उनसे अपमानजनक शब्दों में बात की, जिसके बाद विवाद पैदा हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि एक महीने पहले उन्होंने यूपीसीएल के एमडी अनिल यादव के भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार को सबूत दिए थे, लेकिन सचिव ने उनपर कोई कार्रवाई नहीं की और उनके आरोपों की अनदेखी कर दी। इसके बजाय, अनिल यादव को सेवा विस्तार दे दिया गया।
इस घटनाक्रम के बाद उत्तराखंड सचिवालय संघ ने शुक्रवार को आधे दिन का कार्य बहिष्कार करने का फैसला किया। संघ ने इस बात पर नाराजगी जताई कि आईएएस अधिकारी के साथ ऐसा व्यवहार किया गया और इसका विरोध करने के लिए सचिवालय के कर्मचारी कार्य से विरत रहेंगे। संघ ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है और चेतावनी दी है कि अगर भविष्य में बॉबी पंवार पर कार्रवाई नहीं की जाती है तो वे पूर्ण कार्य बहिष्कार भी कर सकते हैं।
सचिवालय संघ के महासचिव राकेश जोशी ने कहा कि इस घटना ने अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच एक गहरी असहमति और आक्रोश उत्पन्न किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आईएएस अधिकारी भी इस विरोध में शामिल होंगे और आधे दिन तक कार्य से विरत रहेंगे।
भारतीय प्रशासनिक सेवा संघ ने भी इस मुद्दे पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। संघ ने मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपा और बॉबी पंवार और उनके साथियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। संघ ने कहा कि इस तरह का व्यवहार किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और यह पूरी व्यवस्था के लिए एक खराब संदेश है।
इसके अलावा, आईएएस एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की और उन्हें इस घटना की गंभीरता से अवगत कराया। मुख्यमंत्री धामी ने इस मामले को गंभीरता से लेने का आश्वासन दिया और कहा कि संबंधित अधिकारियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सभी अधिकारियों को राज्य की जनता के लिए काम करने की जिम्मेदारी निभानी चाहिए और किसी भी प्रकार के दबाव या दुर्व्यवहार को सहन नहीं किया जाएगा।
उत्तराखंड राज्य में पीसीएस एसोसिएशन ने भी इस मामले में अपनी एकजुटता दिखाई है और अधिकारियों के समर्थन में आकर इस घटनाक्रम की निंदा की है। पीसीएस एसोसिएशन ने मुख्य सचिव से मिलने का समय मांगा और शुक्रवार को उनसे मुलाकात करने का कार्यक्रम तय किया है। पहले यह बैठक गुरुवार को होनी थी, लेकिन मुख्य सचिव की व्यस्तता के कारण यह शुक्रवार के लिए स्थगित कर दी गई थी।
इस विवाद के बाद पुलिस ने भी जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों ने सचिवालय का दौरा किया और आईएएस अधिकारी के स्टाफ से पूछताछ की। घटनाक्रम से जुड़े तथ्यों की जांच की जा रही है और सचिवालय के आसपास के कर्मचारियों से भी बयान लिए जा रहे हैं। पुलिस ने आईएएस अधिकारी के कार्यालय तक पहुंचने वाले रास्ते और आसपास के कार्यालयों का भी मैप तैयार किया है ताकि घटना के सभी पहलुओं का पता चल सके।
उत्तराखंड में आईएएस अधिकारी मीनाक्षी सुंदरम के साथ हुई इस घटनाक्रम ने राज्य में प्रशासनिक व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सचिवालय संघ, आईएएस एसोसिएशन और पीसीएस एसोसिएशन की प्रतिक्रिया और मुख्यमंत्री का आश्वासन इस बात का संकेत है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी।
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Chief Editor, Aaj Khabar