अल्मोड़ा। सोबन सिंह जीना विवि के पूर्व कुलपति प्रो जगत सिंह बिष्ट ने कहा है कि नगर की जानीमानी कवि मीनू जोशी की रचनाएं समाज से लेकर उसे वापस लौटाने का सटीक प्रयास है। यह कविता व गजल की अनूठी पहचान प्रस्तुत करती है। प्रो बिष्ट रविवार को होटल शिखर के सभागार में मीनू जोशी के नए काव्य संग्रह धूप तुम आती रहना का लोकार्पण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि विचार व्यक्त कर रहे थे। छंजर सभा के संयोजन में हुए आयोजन की शुरूआत वरिष्ठ रंगकर्मी पत्रकार नवीन बिष्ट की कुमाऊं में मां शारदे की बंदना ईजुली दे बरदान से हुई। इसके बाद पुस्कर की भूमिका लिखने वाली वरिष्ठ कवियत्री साहित्यकार नीलम नेगी ने काव्य संग्रह के हर पहलू पर प्रकाश डाला। बताया कि 55 कविताओं में अंतिम की कुछ कविताएं गजल हैं। काव्य संग्रह में आध्यात्म से लेकर पर्यावरण प्रकृति सामाजिक सौहार्द व स्कूल से लेकर कई पहलू शामिल हैं जोकि कवियत्री की गहन सोच को उजागर करती हैं। चंपावत के आए जाने माने साहित्यकार डा तिलक राज जोशी ने कहा कि काव्यसंग्रह का शीर्षक में इसके अंदर लिखी गई रचनाओं का पूरा समावेश है। गरुड़ से आए साहित्यकाल मोहन जोशी ने भी कविता संग्रह की सराहना की तथा एक कविता का पाठ भी किया। मीनू जोशी ने अपने संयुक्त परिवार की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि रचना के अंकुर बचपन से उनके मन में रहे है। इसी की परिणति है कि वर्तमान में काव्य संग्रह प्रकाशित हुआ है। उन्होंने इसकी रचनाओं पर भी विस्तृत प्रकाश डाला। कहा कि परिवार के सहयोग से ही यह उपलब्धि हासिल हुई है। अध्यक्षता कर रहे साहित्यकार त्रिभुवन गिरि महाराज ने काव्य संग्रह की सराहना की व रचना धर्मिताक जारी रखने के लिए शुभकामनाएं दी। संचालन साहित्यकार डा महेंद्र सिंह मेहरा मधु ने किया। मीनू जोशी के पति देवेंद्र जोशी व पुत्र शितिज जोशी ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर अवकाश प्राप्त प्रो अरुण पंत डा मोहन चंद्र जोशी प्रो एसए हामिद पूर्व प्रधानाचार्य नीरज पंत रमेश मिश्रा डा रमेश लोहुमी धारा बल्लभ पांडे विपिन जोशी गणेश भट्ट कंचन तिवारी, वीना चतुर्वेदी परवीन हामिद संजय अग्रवाल भारत भूषण नीरज जोशी अनीता पांडे विजया पंत हेमलता पांडे हर्ष काफर आदि मौजूद रहे। दूसरे सत्र में कवियों ने काव्य पाठ भी किया।
Chief Editor, Aaj Khabar