देहरादून। मॉनसून सत्र के दूसरे दिन सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले तमाम मांगों को लेकर विपक्ष ने सदन के बाहर प्रदर्शन किया। विपक्षी दल के नेताओं ने टिहरी विस्थापितों को भूमि पर अधिकार दिलाने के साथ ही सरकार पर प्रदेशभर में अतिक्रमण के नाम पर लोगों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया। बुधवार को मानसून सत्र के दूसरे दिन विपक्ष ने सरकार को जमकर घेरने की कोशिश की। इससे पूर्व तमाम मांगों को लेकर विपक्ष ने सदन के बाहर धरना दिया। जैसे ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सदन में प्रवेश किया, वैसे ही विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही प्रश्नकाल शुरू हो गया। नेता उप प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने प्रश्न काल में डेंगू का मामला उठाया। जिसे लेकर स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने जवाब दिया। कहा कि अभी तक प्रदेश में डेंगू से 5 लोगों की हुई है। इनमें से तीन मरीज कैंसर से ग्रसित थे। बताया कि 1 सितंबर तक प्रदेश में 746 डेंगू पॉजिटिव पाए गए थे, जिनमें से 660 डेंगू मरीज उपचार के बाद स्वस्थ हो गए हैं। डेंगू से बचाव के उपचार पर स्वास्थ्य विभाग काम कर रहा है। मानूसन सत्र में प्रदेश सरकार की ओर से आज अनुपूरक बजट पेश करने के साथ ही राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण समेत अन्य विधेयक, वित्त विभाग की वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट, लेखा प्रत्यावेदन रिपोर्ट को सदन में पेश किए जाएंगे। चर्चा यह भी है कि सदन विधानसभा का मानसून सत्र आज ही समाप्त हो सकता है। क्योंकि 7 सितंबर को जन्माष्टमी का अवकाश है। ऐसे में संभावना है कि सदन की कार्यवाही देर रात तक चल सकती है। वहीं दूसरी ओर विपक्ष सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग कर रहा है। इधर, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि विपक्ष का सबसे बड़ा मुद्दा सत्र की अवधि को बढ़ाया जाना है। उन्होंने इस बात को साफ तौर से कहा कि सत्र 4 दिन का आहूत किया गया है। पहला दिन श्रद्धांजलि में निकल गया है। आज केवल सदन में प्रश्नकाल चलेगा। उसके बाद जन्माष्टमी की छुट्टी है। उसके बाद एक दिन शासकीय दिन के रूप में रखा गया है। यशपाल आर्य ने कहा कि इस तरह से चार दिन के विधानसभा सत्र में केवल एक दिन ही सदन के भीतर प्रश्नकाल में जनता के सवालों को सुनने का मौका दिया गया है।
Chief Editor, Aaj Khabar