नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी शहर सहित प्रदेश के अन्य राष्ट्रीय व राज्य राजमार्गाे पर आवारा पशुओं को छोड़े जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने मुख्य नगर आयुक्त हल्द्वानी को शुक्रवार (आज) को कोर्ट में पेश होने को कहा है। कोर्ट ने यह बताने को भी कहा है कि आपने इस समस्या के समाधान करने के लिए क्या निर्णय लिए हैं?। बीते 22 नवम्बर (बुधवार) को कोर्ट ने नगर निगम हल्द्वानी से पूछा था कि जनहित याचिका में उठाये गए बिंदुओं पर अगली तिथि तक अपना स्पस्ट जवाब पेश करें परन्तु गुरुवार को नगर निगम की तरफ से स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया जिसपर कोर्ट ने मुख्य नगर आयुक्त को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं। मामले के अनुसार हल्द्वानी निवासी अधिवक्ता डॉ. चंद्रशेखर जोशी ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हल्द्वानी शहर सहित राज्य की व्यस्तम सडक़ों में आवारा गाय और बैलों के कारण कई दुर्घटनाएं हो रही हैं। इनके आपस मे लडऩे से एक युवक की सडक़ दुर्घटना में मौत तक हो गई। यही नहीं इन पशुओं के कारण स्कूली बच्चों को स्कूल जाने में देरी हो रही है। कई बार इनके आपसी झगड़ों की वजह से व्यस्तम सडक़ों पर कई घंटों का जाम तक लग जाता हैं जबकि आवारा पशुओं को सडक़ों पर छोड़े जाने के मामले में उच्च न्यायलय सहित सर्वाेच्च न्यायलय ने सम्बंधित निकायों को कई बार दिशा निर्देश जारी हैं परन्तु अभी तक सम्बंधित निकायों के द्वारा उन निदेशों का अनुपालन नहीं किया गया जिसकी वजह से कई लोगों को अपनी जान तक गवानी पड़ी है। जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि राज्य की सडक़ों पर से आवारा पशुओं को हटाया जाय। जनहित याचिका में यह भी शिकायत की गई कि सम्बंधित विभाग शिकायत करने पर उनके क्षेत्र से आवारा पशुओं को उठाकर सेल्टर में डालने के बजाए दूसरे क्षेत्र में डाल दे रहे हैं।
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Chief Editor, Aaj Khabar