प्रदेश में आतंक का पर्याय बना अतिक्रमण चिन्हिकरण का काम, कांग्रेस ने रखा मौन व्रत।

प्रदेश में आतंक का पर्याय बना अतिक्रमण चिन्हिकरण का काम, कांग्रेस ने रखा मौन व्रत।
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देहरादून। अतिक्रमण हटाओ की आड़ में छोटे व्यवसायियों और युवाओं को बेरोजगार किए जाने को लेकर कांग्रेस ने मौन उपवास रखा। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में तमाम कांग्रेस कार्यकर्ता गांधी पार्क में एकत्र हुए और एक घंटे का मौन उपवास रखा। पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि पूरे प्रदेश में अतिक्रमण के नाम पर चिन्हीकरण आतंक का पर्याय बन गया है। यही काम राज्य में बने प्राधिकरण भी कर रहे हैं। रेरा का भी आतंक पनपने लगा है। लोगों को अपने आवासों का रख रखाव करने और नक्शा पास कराने में काफी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। वहीं रावत ने सरकार पर बेशकीमती जमीनों को खुर्द बुर्द करने का आरोप लगाया। कहा, यह काम चंद पूंजीपतियों को खुश करने के लिए निवेश के नाम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि डोईवाला क्षेत्र, हल्द्वानी में गौला, ऋषिकेश स्थित आईडीपीएल की जमीनों को ट्विन सिटी के नाम या कल्चरल सिटी जैसे अन्य नाम देकर किसानों और स्थानीय निवासियों से यह जमीनें छीनने के षड्यंत्र किया जा रहा हैं।

सरकार भविष्य में इन जमीनों पर बड़ी-बड़ी अट्टालिकाएं बनाकर उत्तराखंड के पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के साथ ही उत्तराखंड वासियों के घर बनाने से लेकर जमीन कमाने के अधिकार को छीन रही है। उन्होंने बेलड़ा कांड को लेकर भी सरकार पर तंज कसा। रावत ने कहा पीड़ित परिवार न्याय की मांग को लेकर घर-घर दस्तक दे रहे हैं। यहां तक की पीड़ित परिवार मुख्यमंत्री से भी मुलाकात कर चुके हैं जबकि कांग्रेस पार्टी भी अपने शिष्टमंडल के साथ उनके पास पहुंच चुकी है लेकिन सरकार दलितों के मामले में असंवेदनशील बनी हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार दलित और महिलाओं के उत्पीड़न के मामले में संवेदनहीन बनी हुई है।प्रदेश में आतंक का पर्याय बना अतिक्रमण चिन्हिकरण का काम, कांग्रेस ने रखा मौन व्रत।

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