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Bageshwar News: राजकीय प्रौद्योगिकी संस्थान कांडा अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा हैं। यहां तकनीकी शिक्षा का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रशिक्षु अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे हैं। तीन ट्रैड में बगैर अनुदेशक के प्रशिक्षण कक्षाओं का संचालन हो रहा हैं। कांडा में चार इलेक्ट्रॉनिक्स, इलैक्ट्रीशियन, ड्राफ्ट मैन सहित स्टेनो हिंदी ट्रैंड संचालित हो रही हैं।
स्थाई अनुदेशकों की कमी के कारण तीन ट्रैडो में कक्षाओं का संचालन नहीं हो पा रहा हैं।जबकि इलैक्ट्रीशियन ट्रैंड के अनुदेशक महिने में 15 दिन कांडा तो महिने के बचे हुए दिनों कठपुड़ियाछीना आईटीआई में प्रशिक्षण दे रहे हैं।इससे दोनों ही आईटीआई में दो वर्ष का पाठ्यक्रम जिसके लिए पूरा समय मिलना चाहिए था। वो दोनों जगह समय बंट जा रहा दोनों आईटीआई के प्रशिक्षुओ को भारी नुक़सान हो रहा हैं।
यहां कांडा में बिना अनुदेशक के तकनीकी शिक्षा कैसे प्राप्त कर रहे होंगे युवक युवतियां ये बढ़ा प्रश्न सभी के सम्मुख हैं। अनुदेशकों की कमी होने से इसका सीधा असर अब वर्तमान में प्रवेश पर दिखने लगा हैं।हर साल अब युवाओं का रूझान भी कांडा आईटीआई के लिए बहुत कम होते जा रहा हैं। कभी वर्ष 2021-22 में प्रशिक्षुओ की संख्या 73 हुआ करती थी।जो घटकर 2023 में 48 होकर रह गयी,इस साल आजतक केवल 13 प्रशिक्षुओं ने प्रवेश लिया हैं। कांडा के सूदूरवर्ती गांवों से यहां प्रशिक्षण हासिल कर देश की तकनीकी विभागों में सेवा देने अथवा निजी व्यवसाय खोलने का सपने पर यह ग्रहण जैसा लगा हुआ हैं। यहां उदयराज सिंह, प्रभारी प्रधानाचार्य आईटीआई कांडा ने बताया अनुदेशकों की कमी का मामला उच्चाधिकारियों को लिखित में दिया है,जब नये अनुदेशकों की भर्ती प्रक्रिया चलेगी तो ही यहां अनुदेशक आएंगे ऐसी सम्भावनाऐं हैं कि दिसम्बर तक सम्भवतः अनुदेशक मिल जाए।
Chief Editor, Aaj Khabar