Dehradun News: महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने गुरुवार को राज्य में 6559 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए निर्देश जारी किए। इसमें 374 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और 6185 सहायिकाओं के रिक्त पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी। विभाग अगले दो दिनों में इसकी विज्ञप्ति जारी करने की तैयारी में है।
मंत्री रेखा आर्या ने यह जानकारी राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम स्थित राष्ट्रीय खेल सचिवालय में विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक के बाद दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्रों का उच्चीकरण किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप सहायिकाओं के कई पद रिक्त हो गए थे। अब, कैबिनेट द्वारा आंगनबाड़ी भर्ती नियमावली में संशोधन के बाद इन रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया को मंजूरी मिल गई है। मंत्री ने कहा कि विभाग अगले एक-दो दिनों में भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी करेगा और महिला अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। आवेदन करने के लिए करीब 30 दिन का समय दिया जाएगा। इस भर्ती प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा करने के लिए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।
इस बैठक में महिला सशक्तिकरण मंत्री ने नंदा गौरा योजना और अन्य योजनाओं की भी समीक्षा की। उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों के नए मानकों के अनुसार वहां पाइप वाटर, ड्रिंकिंग वॉटर, बिजली और शौचालय की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने वर्चुअली जुड़े 13 जिलों के जिला कार्यक्रम अधिकारियों को 5 दिनों के भीतर इन सुविधाओं के संबंध में प्रस्ताव निदेशालय को भेजने के आदेश दिए। मंत्री ने कहा कि बजट तुरंत जारी कर दिया जाएगा।
मंत्री ने नंदा गौरा योजना में अब तक आए आवेदनों की समीक्षा करते हुए जनपदों को 31 दिसंबर तक अधिक से अधिक आवेदन प्राप्त करने और पिछले वर्ष की तुलना में लाभार्थियों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही, जिन आवेदनों में कोई कमी थी, उन्हें पुनः भेजने का आदेश दिया गया। बैठक में प्रदेश में प्रस्तावित 3940 आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण की भी समीक्षा की गई। मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि किसी भी स्थान पर आंगनबाड़ी भवन के लिए जमीन की उपलब्धता में समस्या आने पर केंद्र को अन्य जरूरतमंद स्थानों पर स्थानांतरित किया जाए।
वहीं, महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक और अहम कदम उठाते हुए मंत्री रेखा आर्या ने महिला सारथी परियोजना के पायलट प्रोजेक्ट की घोषणा की। यह परियोजना देहरादून जिले में जल्द शुरू की जाएगी, जिसमें महिलाओं को ड्राइविंग प्रशिक्षण देने के बाद उन्हें सार्वजनिक परिवहन के लिए चालक के रूप में नियुक्त किया जाएगा। मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत, आर्थिक रूप से कमजोर, विधवा या परित्यक्ता महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। इन महिलाओं को परिवहन विभाग ड्राइविंग का प्रशिक्षण देगा और उनके ड्राइविंग लाइसेंस बनाए जाएंगे। महिलाओं के लिए वाहनों की व्यवस्था सीएसआर फंड और निर्भया योजना के फंड से की जाएगी। महिला चालक और सवारी की सुरक्षा के मद्देनजर वाहनों में कई सुरक्षा फीचर्स जैसे जीपीएस ट्रैकिंग और तत्काल सहायता प्रणाली शामिल की जाएगी। यह परियोजना पुलिस और परिवहन विभाग की साझेदारी से चलायी जाएगी, और इसके लिए जल्द ही एक प्रेजेंटेशन आयोजित किया जाएगा। बैठक में सचिव चंद्रेश यादव, निदेशक प्रशांत आर्या, उपनिदेशक विक्रम सिंह, मोहित चौधरी, आरती बलोदी, उदय प्रताप सिंह समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
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Chief Editor, Aaj Khabar