Dehradun News: देशभर में एवलॉन्च ( हिमस्खलन) के खतरे को लेकर रक्षा भूसूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान (DGRE) ने अलर्ट जारी किया है। उत्तराखंड के लिए भी यह चेतावनी जारी की गई है, जिसमें राज्य के पांच जिलों को प्रभावित क्षेत्रों में शामिल किया गया है। खासतौर पर, चमोली जिले के 3,000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों को ऑरेंज अलर्ट पर रखा गया है, जिससे एवलॉन्च का खतरा बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
डीजीआरई द्वारा जारी इस अलर्ट के बाद उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन विभाग ने राज्य के विभिन्न जिलों में प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। चमोली जिले के 3,000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र में संभावित एवलॉन्च को लेकर जिला प्रशासन को विशेष एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। साथ ही, उत्तराखंड के अन्य चार जिलों – उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ और बागेश्वर को येलो अलर्ट पर रखा गया है।
रक्षा भूसूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान (DGRE) ने देशभर में एवलॉन्च की भविष्यवाणी करते हुए जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों को चेतावनी दी है। चमोली जिले में ऑरेंज अलर्ट जारी करने का कारण यहाँ की ऊंची पहाड़ियों में भारी हिमपात की संभावना है, जो एवलॉन्च का कारण बन सकता है।
उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन विभाग ने चमोली जिले के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर इस खतरे के बारे में जानकारी दी है और वहां के प्रशासन को सभी सुरक्षा उपायों को लागू करने के निर्देश दिए हैं। विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि ऑरेंज अलर्ट केवल 3,000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए है, जबकि बाकी क्षेत्र जहां जोखिम कम है, वहां येलो अलर्ट जारी किया गया है।
इसके साथ ही, DGRE ने जम्मू-कश्मीर के छह क्षेत्रों, लद्दाख के कारगिल जिले के 3,300 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों और हिमाचल प्रदेश के चंबा, लाहौल स्पीति, कुल्लू और किन्नौर जिलों के ऊंचे इलाकों में भी येलो अलर्ट जारी किया है। इन क्षेत्रों में एवलॉन्च के खतरे को लेकर प्रशासन को सजग रहने की सलाह दी गई है।
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Chief Editor, Aaj Khabar