Dehradun News: उत्तराखंड में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए पहली बार सौर कौथिग (ऊर्जा मेला) का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मेले का शुभारंभ किया और सोलर वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह वैन 100 दिनों तक राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में जाएगी और लोगों को सौर ऊर्जा परियोजनाओं एवं उनमें मिलने वाली सब्सिडी की जानकारी प्रदान करेगी।
मेले में वित्त एवं शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, पद्मभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी, विधायक खजान दास और मुख्यमंत्री के सलाहकार विश्वास डाबर भी उपस्थित रहे। इस मौके पर देश और प्रदेश की 50 से अधिक कंपनियों ने सोलर प्रोजेक्ट्स पर काम करने वाले अपने स्टॉल लगाए, जहां उपभोक्ता सौर ऊर्जा के लाभ और संबंधित योजनाओं के बारे में जानकारी ले सके।
सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा कई योजनाएं चल रही हैं। सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि हाल ही में प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना की शुरुआत की गई है, जिसके तहत लोग अपने घरों की छत पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाकर बिजली उत्पन्न कर सकते हैं। अब तक उत्तराखंड में 28,000 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं, और 11,000 सोलर संयंत्र स्थापित किए जा चुके हैं। 37 मेगावाट ऊर्जा उत्पादन भी शुरू हो चुका है। 2027 तक राज्य में 2000 मेगावाट ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य है। इसके अलावा, उद्योगों को भी नेट मीटरिंग की सुविधा दी जा रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सौर समृद्ध उत्तराखंड अभियान के तहत आयोजित यह मेला एक महत्वपूर्ण पहल है, जो अधिक से अधिक घरों तक सरकार की योजनाओं की जानकारी पहुंचा रहा है। उन्होंने कहा, “जीवाश्म ईंधन के स्रोत सीमित हैं और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं, जबकि सौर ऊर्जा का स्रोत असीमित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में 100 गीगावाट ऊर्जा का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।”
यह मेला उत्तराखंड में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में एक नया कदम साबित हो सकता है, जिससे राज्य की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी।
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Chief Editor, Aaj Khabar