Haridwar News:
अरूण कश्यप
पिछले लंबे समय से धर्मनगरी हरिद्वार में पतित पावनी गंगा की पवित्रता के लिए आए दिन खतरा उत्पन्न हुआ है।
जिसकी पुनरावृति बार बार हो रही है लेकिन जिम्मेदार विभागीय अधिकारी गलती को सुधारने के बजाय उस पर पर्दा डालते नजर आ रहे हैं, जिसका दुष्परिणाम गंगा को बार बार दूषित होकर भुगतना पड़ रहा है।
आए दिन गंगा में सीवरेज का दूषित जल गिरने जैसे संवेदनशील मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन उसके बावजूद जल संस्थान के अधिकारी दोषी लोगों के विरुद्ध करवाई करने के बजाय उनको बचाने का काम कर रहे हैं, अब तो गंगा में सीधे तौर से सीवरेज का दूषित जल जाना आम बात हो गया है।
ज्वालापुर क्षेत्र के पांडेवाला और कस्साबान स्थित सीवेज पंपिंग स्टेशनो की वीडियो आए दिन वायरल होती रहती है जिसमें पंपिंग स्टेशनो से बायपास करते हुए सीधे तौर सीवरेज गंगा में छोड़ दिया जाता है।
दैनिक आज ने पिछले दिनों भी प्रमुखता से इन खबरों को प्रकाशित भी किया था, सोमवार को भी सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हुई जिसमें क़स्सबान सीवेज पंपिंग स्टेशन से बायपास होता हुआ सीवरेज का दूषित जल सीधा गंगा में जाता दिखाई दिया। जब इस संबंध में उत्तराखंड जल संस्थान के इस क्षेत्र के सहायक अभियंता अब्दुल रशीद से बातचीत की गई तो उन्होंने खुद स्वीकार किया कि गंगा में सीवरेज का दूषित जल बहा है, उन्होंने बताया कि कि पंपिंग स्टेशन के नाले में कचरा जमा हो जाने के कारण ऐसा हुआ है। कुछ समय के बाद कचरा साफ कर लिया गया था।
हालांकि सहायक अभियंता अब्दुल रशीद भले ही गंगा में कुछ समय के लिए सीवरेज जाने की बात की हो लेकिन फिर भी इसके लिए जिम्मेदार ठेकेदार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इसी तरह से पहले भी कई बार ऐसे मामले सामने आ चुके है जब गंगा में सीधा सीवरेज उड़ेल दिया गया है लेकिन फिर भी जिम्मेदार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई जो अपने आप में कई सवालिया निशान खड़े करती है।
जबकि एनजीटी के नियमों के अनुसार यदि गंगा में दूषित जल बहाया जाता है तो इसके लिए 5 लाख के जुर्माने का प्रावधान है लेकिन अफसोस अब तक विभागीय अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर पाए। शायद यही कारण है कि गंगा को दूषित करने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। बड़ी बात ये है कि पिछले सप्ताह विभाग की प्रमुख मुख्य महाप्रबंधक नीलिमा गर्ग ने आदेश जारी कर कहा था कि यदि गंगा मैली हुई तो सम्बंधित अधिकारियों का वेतन रोक दिया जाएगा ,लेकिन हरिद्वार में गंगा का दूषित होना आम बात हो गई है।
मामला संज्ञान में आया है, जल संस्थान के अधिकारियों को तत्काल ही इसमें कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए गए हैं। – कर्मेंद्र सिंह, जिलाधिकारी, हरिद्वार
गंगा को दूषित करने की घटनाओ की बार-बार पुनरावृत्ति होना हम सब गंगा प्रेमियों के लिए बेहद दुखद है, इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी को तुरंत हटाया जाना चाहिए और ऐसी व्यक्ति की तैनाती होनी चाहिए जिसकी भावनाए गंगा के साथ जुड़ी हो। इस मामले को लेकर वह सीएम से जल्द वार्ता करेंगी।
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Chief Editor, Aaj Khabar