Kedarnath landslide latest news uttarakhand
Rudraprayag, Uttarakhand: केदारनाथ घाटी में एक बार फिर से भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाओं ने लोगों को सतर्क कर दिया है। रविवार, 11 अगस्त 2024 की शाम को भीमबली हैलीपैड के सामने हुए भूस्खलन से मंदाकिनी नदी का जलप्रवाह रुक गया और एक नई झील का निर्माण हो गया है। प्रशासन ने तुरंत इस घटना पर कार्रवाई करते हुए नदी किनारे बसे लोगों को सतर्क रहने का अलर्ट जारी किया है।
भूस्खलन की घटना और उसका प्रभाव
रविवार शाम को भीमबली क्षेत्र में अचानक हुई तेज बारिश के बाद मौसम साफ होने पर पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा मंदाकिनी नदी में समा गया। इस भूस्खलन के कारण नदी का पानी अवरुद्ध हो गया, जिससे वहां एक झील का निर्माण हो गया। हालांकि, इस आपदा में किसी भी प्रकार की जान-माल की क्षति नहीं हुई है, लेकिन झील के अचानक टूटने से नदी का जलस्तर बढ़ सकता है, जिससे आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
Kedarnath Landslide Photo
प्रशासन की तत्परता और अलर्ट
रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने घटना की जानकारी मिलते ही तेजी से कार्रवाई की। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नन्दन सिंह रजवार ने बताया कि गौरीकुंड से रुद्रप्रयाग तक के इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। प्रशासन ने मंदाकिनी नदी के किनारे बसे लोगों से सतर्क रहने और नदी के करीब न जाने की अपील की है। साथ ही, प्रशासन ने गौरीकुंड, सोनप्रयाग और अन्य संवेदनशील स्थानों पर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। Kedarnath Landslide
पहले भी हो चुके हैं भूस्खलन के मामले
यह घटना केदारनाथ घाटी में इस महीने में दूसरी बड़ी भूस्खलन की घटना है। 1 अगस्त 2024 को भी केदारनाथ ट्रेक पर लिनचोली, गौरीकुंड, और सोनप्रयाग में भूस्खलन और बादल फटने की घटनाएं हुई थीं, जिसमें कई जान-माल का नुकसान हुआ था। इस बार भीमबली क्षेत्र में हुए भूस्खलन ने एक बार फिर से 2013 की आपदा की याद दिला दी है, जब इसी प्रकार की घटनाओं के कारण क्षेत्र में व्यापक तबाही मची थी।
Kedarnath Landslide video
भूस्खलन के कारण कमजोर हो रहे हैं पहाड़
भारी बारिश के कारण केदारनाथ घाटी के पहाड़ कमजोर होते जा रहे हैं। लगातार हो रही भूस्खलन की घटनाएं इस क्षेत्र की स्थिरता को चुनौती दे रही हैं। भीमबली में पहाड़ का हिस्सा टूटकर मंदाकिनी नदी में गिरने से यह स्पष्ट होता है कि इस क्षेत्र में आने वाले दिनों में भी इस तरह की आपदाओं की संभावना बनी रह सकती है।
सुरक्षा और सतर्कता पर विशेष ध्यान
प्रशासन ने स्थानीय निवासियों और तीर्थयात्रियों से सतर्क रहने और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, तब तक नदी के किनारे रहने वाले लोग विशेष सतर्कता बरतें। साथ ही, यात्रा मार्ग पर भी विशेष सुरक्षा के इंतजाम किए जा रहे हैं ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। Kedarnath Landslide
निष्कर्ष
केदारनाथ घाटी में हुए इस ताजे भूस्खलन ने फिर से इस क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियों की चुनौती को उजागर कर दिया है। प्रशासन द्वारा जारी किए गए अलर्ट के बावजूद, इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों को खुद भी सतर्कता बरतनी होगी। प्राकृतिक आपदाओं की इस बढ़ती घटनाओं के बीच, प्रशासन और स्थानीय लोगों का सहयोग ही किसी भी बड़ी त्रासदी से बचाव का रास्ता हो सकता है।