Nainital News: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कुमाऊं मंडल के अल्मोड़ा जिले के मोहान स्थित दवा कंपनी इंडियन मेडिसिन एंड फार्मास्युटिकल लिमिटेड को बेचने की प्रक्रिया शुरू करने को चुनौती देती याचिका की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से जबाव दाखिल करने को कहा है । मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ में हुई।
बता दें कि आईएमपीसीएल कामगार संघ की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2023 में भारत सरकार के विनिवेश मंत्रालय ने मोहान अल्मोडा उत्तराखंड स्थित इंडियन मेडिसिन एंड फार्मास्युटिकल कंपनी की बिक्री की प्रक्रिया शुरू की है जबकि इस विनिवेश पर आयुष मंत्रालय के सचिव पहले ही आपत्ति जता चुके हैं । नैनीताल के सांसद अजय भट्ट ने भी सरकार को लिखा है कि यह विनिवेश प्रक्रिया उत्तराखंड राज्य के हित के विरुद्ध है। उत्तराखंड राज्य ने कभी भी ऐसे विनिवेश के लिए सहमति नहीं दी है।
अपीलकर्ता के अधिवक्ता डॉ. कार्तिकेय हरि गुप्ता ने बताया कि न्यायालय के समक्ष दलील दी है कि लगातार लाभ कमाने वाली कंपनी का विनिवेश सार्वजनिक नीति के खिलाफ है, दूसरा अधिकांश बोलीदाताओं को फार्मास्युटिकल उद्योग में कोई पूर्व अनुभव नहीं है तीसरा यह 100 एकड़ की वन भूमि है और वर्ष 1977 में जब इसे आईएमपीसीएल को हस्तांतरित किया गया था तो एक शर्त रखी गई थी कि यदि आईएमपीसीएल को उक्त भूमि की आवश्यकता नहीं होगी तो यह वन विभाग को वापस मिल जाएगी इसलिए विनिवेश की आड़ में यह निजी कंपनियों को 100 एकड़ वन भूमि की अवैध बिक्री है। भारत सरकार की विनिवेश नीति यह स्पष्ट करती है कि ऐसा कोई भी विनिवेश नहीं किया जाएगा जिसके परिणामस्वरूप देश के भौतिक प्राकृतिक संसाधनों का हस्तांतरण होगा इसलिए आईएमपीसीएल का प्रस्तावित विनिवेश भारत सरकार की विनिवेश नीति के भी विरुद्ध है। हाइकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तिथि दो हफ्ते बाद तय की है।
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Chief Editor, Aaj Khabar