Nainital News: भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के तत्वावधान में उत्तराखंड पर्यटन विभाग के सहयोग से हिमालयन इकोज साहित्य महोत्सव के नौवें दो दिवसीय संस्करण के तहत नैनीताल के एवट्सफोर्ड हाउस में रविवार को कई रुचिकर विषयों पर विषय विशेषज्ञों ने अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम के तहत विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई जो विविध और रुचिकर थीं जिससे दर्शक पूरी तरह जुड़ गए। इन विषयों में शिक्षा के पाठ्यक्रम, हमारे जीवन में वृक्षों का महत्व, समानता और न्याय, आंतरिक यात्रा और मानसिक स्वास्थ्य और हिमालय पर आधारित कविताएं शामिल थीं। विभिन्न सत्रों के बीच में दर्शकों को उपस्थित लेखकों से बातचीत करने का अवसर मिला। कई दर्शकों ने लेखकों के साथ दिलचस्प चर्चाएं कीं और उनकी पुस्तकों की व्यक्तिगत रूप से हस्ताक्षरित प्रतियां स्मृति स्वरूप प्राप्त कीं।
इस मौके पर अजु खन्ना जो मधुबन श्री अरविंदो आश्रम की मार्गदर्शिका हैं ने विजयलक्ष्मी बोस के साथ संवाद किया। विजयलक्ष्मी बोस मधुबन श्री अरविंदो आश्रम के लिए कहानियों और प्रकाशनों की सह लेखिका हैं। उन्होंने ध्यान और इसके लाभों पर चर्चा की और दर्शकों को ध्यान की एक प्रक्रिया का अभ्यास कराया। उन्होंने महान लोगों की आत्मा के प्रभाव और उनके विचारों की निरंतरता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी बताया कि स्कूली पाठ्यक्रम को डिजाइन थिंकिंग तथा माइंड मैपिंग तथा पारिस्थितिकी और संस्कृति पर आधारित होना चाहिए।
इस मौके पर अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध लेखक विकास स्वरूप जिन्हें उनकी किताब स्लमडॉग मिलियनेयर के लिए वैश्विक पहचान मिली ने अंबरीन खान इंडियन एक्सप्रेस की कम्युनिकेशंस हेड के साथ बातचीत की। विकास स्वरूप ने बताया कि उन्हें रोजमर्रा की जिंदगी पर आधारित थ्रिलर लिखने में रुचि है। उन्होंने अपनी नवीनतम पुस्तक द गर्ल विद द सेवन लाइव्स पर चर्चा की जो एक लडकी के सात अलग-अलग व्यक्तित्वों में बदलने पर आधारित है। उन्होंने जोर देकर कहा कि कथा साहित्य में किसी प्रकार का संघर्ष होना चाहिए जो इसे रोचक बनाता हैए और इसके बिना किताबें फीकी पड़ जाती हैं। एस.नतेश जिन्हें बायोस्पेक्ट्रम लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया है ने सुमंता घोष प्रकृतिवादी और वंगाट (कॉर्बेट) के संस्थापक के साथ बातचीत की। एस. नतेश ने अपनी पुस्तक आइकॉनिक ट्रीज ऑफ इंडिया के माध्यम से वृक्षों की पारिस्थितिकी पर चर्चा की। उन्होंने कुछ महान वृक्षों के इतिहास, आयु, आकार तथा पौराणिकता और संस्कृति के आधार पर पहचान की। सौरभ किर्पाल सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और नाज फाउंडेशन ट्रस्ट के ट्रस्टी ने उदय प्रताप सिंह न्यूज एक्स के न्यूज एडिटर और एंकर के साथ चर्चा की जबकि सौरभ किर्पाल ने समानता पर बात की। वहीं सुजीव शाक्य जो हिमालयन फ्यूचर फोरम के संयोजक और अनलीशिंग नेपाल तथा अनलीशिंग द वज्र के लेखक हैं ने नीना क्लेर वेलबीइंग स्पेस में एक सशक्त आवाज के साथ संवाद किया।
इस मौके पर 30 से अधिक पुस्तकों की लेखिका और हिंदुस्तानी आवाज संगठन की संचालिका रख्शंदा जलील ने प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि उर्दू कवियों ने हिमालय को एक व्यक्ति के रूप में हिमालय कहा है। उनका मानना है कि हिमालय भारत के लिए वास्तव में एक रूपक है। कार्यक्रम का एक और आकर्षण देवभूमि उत्तराखंड के पारंपरिक छोलिया नृत्य का प्रदर्शन था। छोलिया नृत्य कुमाऊं क्षेत्र का पारंपरिक तलवार नृत्य है जिसे शुभ अवसरों पर किया जाता है। यह माना जाता है कि छोलिया नृत्य बुरी आत्माओं और राक्षसों से बचाव करता है।
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Chief Editor, Aaj Khabar