आईसलैंड। आइसलैंड के रेक्जेन्स प्रायद्वीप में ज्वालामुखी विस्फोट हो गया है। ज्वालामुखी विस्फोट के कारण इमरजेंसी की घोषणा कर दी गई है। राष्ट्रीय मौसम विज्ञान कार्यालय ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम आइसलैंड के रेक्जेन्स प्रायद्वीप में एक ज्वालामुखी विस्फोट हुआ है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने आइसलैंड के मौसम विभाग के हवाले से बताया कि पिछले कई हफ्तों तक आइसलैंड में भूकंप की गतिविधियां दर्ज की गई थी, जिसके बाद ज्वालामुखी विस्फोट की यह घटना घटित हुई। अक्टूबर के बाद से हजारों छोटे भूकंपों ने रेक्जेन्स प्रायद्वीप के दक्षिणी हिस्से को हिला दिया है। भूकंप पृथ्वी के अंदर से भारी मात्रा में मैग्मा के ऊपर की ओर बढ़ने और जमीन के नीचे 2 से 5 किलोमीटर के बीच 15 किलोमीटर लंबी दरार बनने के कारण आए थे। 15 नवंबर को दोपहर 1 2बजे तक, कोई ज्वालामुखी विस्फोट शुरू नहीं हुआ था।
आइसलैंड में अमेरिकी दूतावास ने ज्वालामुखी गतिविधि के बढ़ते संकेतों के बारे में चेतावनी देते हुए ज्वालामुखी अलर्ट जारी किया था। चेतावनी में साफ तौर पर कहा गया था यदि कोई विस्फोट होता है, तो आइसलैंडिक अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें। ज्वालामुखीय खतरों में लावा, जहरीली गैसें और लावा से लगी आग से निकलने वाला भारी धुआं शामिल हो सकता है। वहीं, क्षेत्र में विश्व प्रसिद्ध ब्लू लैगून थर्मल पूल चल रही भूकंपीय गतिविधि के कारण पहले ही बंद कर दिया गया था 2021 के बाद से, लगभग हर 12 महीने में एक विस्फोट हुआ है और नवीनतम विस्फोट जुलाई में आइसलैंड की राजधानी रिक्वाकिक के दक्षिण में हुआ था। आइसलैंड एक टेक्टोनिक प्लेट सीमा पर स्थित है जो लगातार विभाजित होती रहती है, जो उत्तरी अमेरिका और यूरेशिया को मध्य-अटलांटिक रिज की रेखा के साथ एक दूसरे से दूर धकेलती है। यह 32 सक्रिय ज्वालामुखियों का घर है। सोमवार रात लगभग 9 बजे भूकंप के झटके के बाद रात करीब 10.17 बजे यह ज्वालामुखी विस्फोट ग्रिंडाविक से लगभग 4 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में हुआ है। मौसम विभाग ज्वालामुखी में दरार की लंबाई लगभग 3.5 किमी है, जिसमें लावा लगभग 100 से 200 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड की दर से बह रहा है। मौसम विभाग ने बताया कि रेक्जेन्स प्रायद्वीप में ज्वालामुखी में हुआ विस्फोट हुए पिछले विस्फोटों की तुलना में कई गुना अधिक है। ज्वालामुखी विस्फोट के बाद आपातकाल की घोषणा कर दी गई है।
Chief Editor, Aaj Khabar