Dehradun News: अल्मोड़ा जिले के मरचूला में हुए दर्दनाक बस हादसे ने न केवल मानव जीवन को नुकसान पहुँचाया, बल्कि सड़क सुरक्षा से जुड़े अहम सवालों को भी उजागर कर दिया है। इस हादसे में 10 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए थे। हादसे के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) की कार्यशैली पर कड़ी नाराजगी जताई है और मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं।
हादसे के कारणों में लोनिवि की लापरवाही प्रमुख रूप से सामने आ रही है। जानकारी के अनुसार, मरचूला क्षेत्र की यह सड़क कई जगहों पर क्षतिग्रस्त थी, और यहां सुरक्षा उपायों के तहत कोई भी क्रैश बैरियर नहीं लगाए गए थे। जबकि दो साल पहले ही राज्य सरकार ने लोक निर्माण विभाग को इस सड़क पर क्रैश बैरियर लगाने के लिए सात करोड़ रुपये का बजट जारी किया था। बावजूद इसके, विभाग के अधिकारियों ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए।
सीएम धामी ने इस घटनाक्रम पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा, सड़क सुरक्षा के इंतजामों में इस प्रकार की लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर विभाग को बजट जारी किया गया था, तो उसे कार्यान्वित क्यों नहीं किया गया? मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि जब बजट उपलब्ध था, तो संबंधित अधिकारियों ने कार्रवाई में देरी क्यों की। इसके साथ ही उन्होंने मामले की जांच की बात की और अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
बता दें कि मरचूला हादसे के बाद मुख्यमंत्री ने सख्त कार्रवाई की शुरुआत करते हुए सोमवार को ही दो प्रभारी एआरटीओ (सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी) को निलंबित कर दिया। इन अधिकारियों पर लापरवाही बरतने और सड़क सुरक्षा से जुड़े मानकों को सही ढंग से लागू न करने का आरोप था। निलंबन के बाद, सीएम ने विभाग के अधिकारियों को चेतावनी दी है कि भविष्य में ऐसे मामलों में किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी।
सड़क सुरक्षा को लेकर उठते रहते हैं सवाल: मरचूला हादसा केवल एक घटना नहीं, बल्कि पूरे राज्य में सड़क सुरक्षा की गंभीर स्थिति की ओर इशारा करता है। प्रदेशभर में कई स्थानों पर सड़कें खराब हैं, और सड़क सुरक्षा के मानक भी ढ़ीले हैं। खासतौर पर पहाड़ी क्षेत्रों में, जहां सड़कें संकरी और खड़ी ढलानों वाली होती हैं, वहां क्रैश बैरियर जैसे सुरक्षा उपायों का न होना एक बड़ा जोखिम बन जाता है।
अल्मोड़ा में हुए इस हादसे के बाद सरकार ने एक बार फिर से अपनी जिम्मेदारी को लेकर सवालों का सामना किया है। स्थानीय लोग और सड़क उपयोगकर्ता लंबे समय से इन खतरनाक जगहों पर सुरक्षा इंतजामों की मांग कर रहे थे, लेकिन प्रशासन ने इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि सड़क सुरक्षा के इंतजामों में सुधार की तत्काल आवश्यकता है।
सीएम ने दिए जांच के आदेश: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूरे मामले की जांच का आदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देगी और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
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Chief Editor, Aaj Khabar