Dehradun News: उत्तराखंड शासन को बाहरी लोगों द्वारा राज्य में खरीदी गई ज़मीनों के संबंध में पूरी जानकारी मिल गई है। जिलाधिकारियों द्वारा शासन को भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार, बाहरी निवासियों ने राज्य के भू कानून का उल्लंघन करते हुए ढाई सौ वर्ग मीटर से अधिक भूमि खरीदी है। इस मामले में अब कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे गंभीरता से लिया था और मामले की जांच के आदेश दिए थे। राज्य के मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने दो जिलों के अधिकारियों को 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट शासन को भेजने का निर्देश दिया था, जिसके बाद इन जिलों से भी रिपोर्ट प्राप्त हो गई है। इसके अलावा, पहले से ही 11 जिलों के जिलाधिकारियों ने शासन को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी।
शासन के मुताबिक, अब तक 140 लोग ऐसे पाए गए हैं जिन्होंने भू कानून का उल्लंघन करते हुए बिना अनुमति के भूमि खरीदी। इनमें वे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने किसी अन्य प्रयोजन के लिए जमीन खरीदी थी, लेकिन उस पर दूसरा काम किया। इन सभी लोगों को जिलाधिकारियों द्वारा नोटिस जारी किए जा चुके हैं।
यह संख्या केवल प्रारंभिक आकलन पर आधारित है, क्योंकि जिलों के रिकॉर्ड का बारीकी से विश्लेषण अभी जारी है। माना जा रहा है कि जांच पूरी होने के बाद यह संख्या काफी बढ़ सकती है। अधिकारियों का कहना है कि कानून के उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि राज्य की भूमि सुरक्षा और कानून का सम्मान सुनिश्चित किया जा सके।
उत्तराखंड के भू कानून के तहत, राज्य में बाहरी (प्रदेश से बाहर के) लोगों के लिए किसी एक परिवार के सदस्य को केवल ढाई सौ वर्ग मीटर तक की ज़मीन खरीदने की अनुमति है। यह नियम विशेष रूप से दूसरे राज्यों के निवासियों पर लागू होता है।
लेकिन, हाल ही में प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, बाहरी लोगों ने इस सीमा का उल्लंघन करते हुए राज्य में बड़े पैमाने पर भूमि खरीदी है। इनमें कुछ मामले तो ऐसे हैं जहां सरकारी अनुमति लेकर भूमि खरीदी गई थी, लेकिन उस भूमि का इस्तेमाल अन्य उद्देश्यों के लिए किया गया है, जो कि नियमों के खिलाफ है।
अब शासन इन सभी भूमि रिकॉर्ड्स का गहराई से विश्लेषण कर रहा है और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की तैयारी में है। अधिकारियों का कहना है कि यह मामला केवल भू कानून तक सीमित नहीं है, बल्कि राज्य की भूमि सुरक्षा, स्थानीय लोगों की ज़मीनों की सुरक्षा और पर्यावरणीय संतुलन के लिए भी महत्वपूर्ण है।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ की जाएगी और कानून का पालन न करने वालों के खिलाफ पूरी सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला राज्य के कई जिलों में चर्चा का विषय बन चुका है और इस पर राजनीति भी गर्म हो गई है। स्थानीय नेताओं का कहना है कि राज्य की ज़मीनों का बाहरी लोगों द्वारा अधिग्रहण स्थानीय निवासियों के लिए संकट पैदा कर सकता है, खासकर जब वह भूमि से जुड़े नियमों का पालन न किया जाए।
अधिकारियों का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें ज़मीन की बिक्री रद्द करना, जुर्माना लगाना और यहां तक कि अपराधियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करना भी शामिल हो सकता है। इसके साथ ही, भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए शासन नए उपायों की योजना बना रहा है।
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Chief Editor, Aaj Khabar