पलायन की पीड़ा देख बना डाली फिल्म, सृष्टि की फिल्म ‘एक था गांव’ को मिला अवार्ड।
हल्द्वानी। ‘रंग फीके पड़ने लगे हैं मेरे गांव में तबसे, तितलियां शहरों को उड़ने लगी हैं जबसे, बंजर खेत, फूलों की कलियां आज कुछ सवाल करती हैं कि लौट तो आओगे ना तुम या कुछ खता हो गई हमसे’…. दीपक उनियाल की पलायन पर लिखी ये पंक्तियां व्यवस्था को भी कोसती हैं और इंसानी मंजबूरी…