सिक्किम में एक और झील टूटने के कगार पर, जिला प्रशासन ने जारी किया इमरजेंसी अलर्ट।

सिक्किम में एक और झील टूटने के कगार पर, जिला प्रशासन ने जारी किया इमरजेंसी अलर्ट।
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गंगटोक। सिक्किम में एक और झील टूटने की कगार पर है। राजधानी गंगटोक से 135 किमी दूर स्थित लाचेन वैली की शाको चू लेक की स्थित कुछ ज्यादा ही खराब बताई जा रही है। इस स्थित को ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड से पहले की अवस्था कहा जा रहा है। अगर यह झील फटी तो निचले इलाकों में भारी तबाही मच जाएगी। इसी को देखते हुए जिला प्रशासन ने इमरजेंसी अलर्ट जारी कर दिया और इलाकों से लोगों को हटाने का काम तेजी से किया जा रहा है। बता दें कि 3 अक्टूबर को ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट की वजह से ही तीस्ता नदी में बाढ़ आई थी जिसने भारी तबाही मचाई है। राज्य के 4 जिलों मंगन, गंगटोक, पाक्योंग और नामची में बाढ़ से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। इस बाढ़ से 25,000 लोग प्रभावित हुए हैं। 1,200 घर बह चुके हैं। 7 हजार लोग अभी भी अलग-अलग इलाकों में फंसे हुए हैं। इस आपदा में जान गंवाने वालों की संख्या शुक्रवार देर रात तक बढ़कर 26 हो गई है। रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है।

मुख्यमंत्री पीएस तमांग ने बताया कि बुरदांग इलाके से लापता हुए सेना के 23 जवानों में से 7 के शव नदी के निचले इलाकों से बरामद कर लिए गए हैं। लापता जवानों में से एक को बचा लिया गया था। 15 जवान समेत कुल 143 लोग अभी भी लापता हैं।

 

क्या है ग्लेशियल आउटबर्स्ट?

साइंटिस्ट्स इसे GLOF यानी ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड कहते हैं। इसमें ग्लेशियर मतलब बर्फ के पिघलने की वजह से झील का पानी खतरनाक ढंग से बढ़ता है और आसपास को पानी-पानी कर देता है। ये इतना एकाएक होता है कि किसी को संभलने का मौका तक नहीं मिलता। साल 2021 में उत्तराखंड के चमोली में जो तबाही मची थी, उसके पीछे भी ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट का हाथ माना जाता है।

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