Dehradun: वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने गुरुवार दोपहर 12:30 बजे विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया। यह पहली बार है जब उत्तराखंड राज्य का बजट 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का रखा गया है। कुल बजट अनुमान 1,01,175.33 करोड़ रुपये का है, जिसमें राजस्व व्यय 59,954.65 करोड़ रुपये और पूंजीगत व्यय 41,220.68 करोड़ रुपये प्रस्तावित है।
प्रमुख बजटीय प्रावधान:
- अवसंरचना विकास: पूंजीगत परिव्यय में 14,763.13 करोड़ रुपये का प्रावधान।
- ग्रामीण रोजगार और मत्स्य पालन: ट्राउट मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए 146 करोड़ रुपये।
- हरिद्वार और ऋषिकेश विकास: UIIDB योजना के तहत 168.33 करोड़ रुपये।
- स्टार्टअप वेंचर फंड: नवाचार को बढ़ावा देने के लिए 20 करोड़ रुपये।
- प्रवासी उत्तराखंड परिषद: 1 करोड़ रुपये।
- रिवर फ्रंट विकास (शारदा कॉरिडोर): 10 करोड़ रुपये।
- स्मार्ट सिटी योजना: इलेक्ट्रिक बस संचालन के लिए 6.5 करोड़ रुपये।
- होम गार्ड कल्याण कोष: 1 करोड़ रुपये।
- रेशम फेडरेशन रिवॉल्विंग फंड: 5 करोड़ रुपये।
- समान नागरिक संहिता (UCC) क्रियान्वयन: 30 करोड़ रुपये।
- जलवायु परिवर्तन शमन: 60 करोड़ रुपये।
- न्याय प्रणाली सुधार: भारतीय न्याय संहिता कार्यान्वयन के लिए 20 करोड़ रुपये।
शिक्षा और युवा विकास
- मुख्यमंत्री शेवनिंग उच्च शिक्षा छात्रवृत्ति: 2 करोड़ रुपये।
- NDA और IMA चयनित छात्रों के लिए पुरस्कार: 1.25 करोड़ रुपये।
- कौशल, नवाचार और उद्यमिता संवर्धन: 7.11 करोड़ रुपये।
- टाटा टेक्नोलॉजी मॉडल के तहत ITI उन्नयन: 45 करोड़ (राजस्व मद) और 18 करोड़ (पूंजीगत मद)।
- उदीयमान खिलाड़ियों के लिए छात्रवृत्ति: 10 करोड़ रुपये।
- खेल महाकुंभ आयोजन: 15 करोड़ रुपये।
- राज्य और राष्ट्रीय युवा महोत्सव: 5 करोड़ रुपये।
- मुख्यमंत्री युवा मंगल दल स्वावलंबन योजना: 5 करोड़ रुपये।
- ग्रामीण खेलकूद और स्वास्थ्य संवर्धन योजना: 2.50 करोड़ रुपये।
- रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर (RBI): 20 करोड़ रुपये।
- मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना: 60 करोड़ रुपये।
- पलायन रोकथाम योजना: 10 करोड़ रुपये।
- पं. दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना: 21.60 करोड़ रुपये।
वित्तीय स्थिति और घाटे का अनुमान
वित्त वर्ष 2025-26 में अनुमानित कुल प्राप्तियां 1,01,034.75 करोड़ रुपये हैं, जिसमें 62,540.54 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्तियां और 38,494.21 करोड़ रुपये पूंजीगत प्राप्तियां हैं।
राज्य का अनुमानित राजकोषीय घाटा 12,604.92 करोड़ रुपये है, जो जीएसडीपी का 2.94% है और यह एफआरबीएम एक्ट की निर्धारित सीमा के भीतर है।
इस बजट को राज्य के आर्थिक विकास और आधारभूत संरचना के सशक्तीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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Chief Editor, Aaj Khabar