बाबा तरसेम सिंह हत्याकाण्ड के चार षडयंत्रकारी गिरफ्तार, दस लाख में दी थी  सुपारी 

    बाबा तरसेम सिंह हत्याकाण्ड के चार षडयंत्रकारी गिरफ्तार, दस लाख में दी थी  सुपारी 
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    रूद्रपुर। नानकमत्ता कार सेवा डेरा के जत्थेदार बाबा तरसेम सिंह की हत्या के मामले में पुलिस ने शूटरों को हथियार और संसाधन उपलब्ध कराने वाले चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। शूटरों को भगाने में सहायता करने वाले षडयंत्रकारियों के दो वाहन भी पुलिस ने बरामद कर लिये हैं। इन षडयंत्रकारियों ने ही नानकमत्ता गुरूद्वारे के सराय में शूटरों को रूकवाया था। हत्याकाण्ड को अंजाम देने वाले दोनों शूटर अभी फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है। दोनों शूटरों पर ईनाम की धनराशि पच्चीस हजार से बढ़ाकर पचास हजार कर दी गयी है। छानबीन में पता चला है कि दोनों शूटरों ने दस लाख की सुपारी लेकर बाबा तरसेम सिंह की हत्या की थी।

    बता दें 28अप्रैल को नाकमत्ता स्थित डेरा कार सेवा के जत्थेदार बाबा तरसेम सिंह की बाइक सवार दो बदमाशों ने तड़के गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना को अंजाम देने वाले दोनों बदमाश कई दिन से गुरूद्वारे की सराय में ठहरे थे। घटना को अंजाम देने के बाद दोनों फरार हो गये। घटना के खुलासे के लिए पुलिस, एसएसओजी, एसटीएफ, एटीएफ की कई टीमों को लगाया गया था। पिछले आठ दिनों से पुलिस कई राज्यों में बदमाशों की तलाश कर रही थी। साथ ही वारदात के कारणों की तह तक जाने के लिए कई एंगल से जांच की जा रही थी। पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर घटना के खुलासे के लिए एसआईटी का भी गठन किया गया था। स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम की जांच करने पर पता चला कि घटना को जिन दो लोगों द्वारा अंजाम दिया गया है उनमें से एक व्यक्ति की पहचान सर्वजीत सिंह पुत्र स्वरूप सिंह, निवासी तरन तारण,पंजाब,के रूप में हुई और दूसरे व्यक्ति की शिनाख्त अमरजीत उर्फ बिट्टू उर्फ गंडा पुत्र सरदार, सुरेंद्र सिंह निवासी नगली फतेहगढ़,चूडि़यां रोड, थाना कम्मो, जिला अमृतसर पंजाब के रूप में हुई। जांच में यह भी जानकारी मिली कि दोनों बदमाश 19 मार्च को गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब में आए हुए थे और गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब की सराय में कमरा नंबर 23 में दिनांक 19 मार्च से ही रुके हुए थे । सराय के उक्त कमरे को लेने से पूर्व सर्वजीत सिंह द्वारा अपनी आई डी, आधार कार्ड, नम्बर एवं मोबाइल नंबर को सराय के रजिस्टर में दर्ज किया हुआ था। सर्वजीत सिंह के बारे में जानकारी करने पर ज्ञात हुआ कि वह पूर्व में कई अपराधिक गतिविधियों में लिप्त रह चुका था और उसके आपराधिक इतिहास की जानकारी करने पर इसके विरुद्ध लगभग एक दर्जन अभियोग गम्भीर धाराओं में पंजीकृत होना पाया गया। सर्वजीत सिंह के मोबाइल की कॉल डिटेल के अनुसार वह दिनांक 19 मार्च से लेकर 27 मार्च 24 तक रामपुर,बाजपुर, किच्छा, बरेली, शाहजहांपुर आदि में घूमता रहा। सीसीटीवी फुटेज और मैनुअल इनपुट के आधार पर दोनों अभियुक्त गणों की शिनाख्त हुई है ।

    मैन्युअल इनपुट और इलेक्ट्रानिक सर्विलांस के आधार पर ज्ञात हुआ कि दोनों अभियुक्त गणों के द्वारा घटना में प्रयुक्त मोबाइल नंबर और मोबाइल फोन 14 मार्च 24 को कस्बा तिलहर,थाना तिलहर,जनपद शाहजहांपुर से खरीदे गए थे। प्राप्त मोबाइल नंबरों के आधार पर अभियुक्त गणों के पुराने नंबर प्राप्त हुए, जिनके विश्लेषण के उपरांत जानकारी मिली कि ये दोनों जनपद शाहजहांपुर, तहसील पुवायां के ग्राम कबीरपुर निवासी दिलबाग सिंह पुत्र लक्ष्मण सिंह एंव बलकार सिंह,सतनाम सिंह, परगट सिंह,हरविन्द्र सिंह उर्फ़ पिंदी आदि के सम्पर्क में माह फरवरी 2024 से थे । इन लोगों के द्वारा कुछ अन्य महत्वपूर्ण लोगों के कहने पर गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब स्थित डेरा कार सेवा एंव तराई क्षेत्र के अन्य महत्वपूर्ण डेरों के प्रबंधन अपने वर्चस्व में लेने के आशय से बाबा तरसेम सिंह की हत्या की योजना बनाई गयी थी ।

    इस योजना के अनुसार दिलबाग सिंह और उसके साथियों ने सुनोयोजित तरीके से पेशेवर अपराधी सबरजीत सिंह और अमर जीत सिंह उर्फ़ बिट्टू को अपने द्वारा निर्धारित किए गए कार्य के लिए 10 लाख रुपए में हायर कियाऔर घटना से पूर्व दोनों अपराधियों को 1,60,000 रुपए एडवांस के तौर में दिए गए। दोनों शूटरों को हत्याकाण्ड के लिए हर प्रकार की सुविधा प्रदान की गई। सुनोयोजित साजिश के तहत हायर किये गये सबरजीत सिंह और अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू ने 19 मार्च 24 को नानकमत्ता गुरुद्वारा साहिब की सराय में कमरा नंबर 23 किराए पर लिया और घटना वाले दिन तक निरंतर वहीं पर रहकर और घूम फिर कर बाबा तरसेम सिंह के प्रतिदिन की दिनचर्या की जानकारी जुटाई गयी। इसके उपरांत इन दोनों ने नानकमत्ता गुरुद्वारा साहिब के एक कर्मचारी अमनदीप सिंह उर्फ़ काला पुत्र कुलदीप सिंह, निवासी बरा जगत थाना अमरिया, जिला पीलीभीत को अपने प्रभाव में लेकर व लालच देकर उसकी सहायता से 28 मार्च 24 को बाबा तरसेम सिंह की सही-सही लोकेशन ज्ञात कर ली और उसके उपरांत सराय से निकलकर डेरा कर सेवा में जाकर बाबा तरसेम सिंह को गोली मार दी। सीसीटीवी फुटेज आदि के आधार पर यह जानकारी मिली कि उपरोक्त दोनों अपराधी घटना कारित करने के उपरांत सीधे षड्यंत्रकारी दिलबाग सिंह,निवासी ग्राम कबीरपुर ,तहसील पुआयाँ जिला शाहजहांपुर के घर पर पहुंचे और वहां से उनके द्वारा दिलबाग सिंह और उसके साथियों से पूर्व में निर्धारित की गई धनराशि में से 5,00000 लाख रूपये प्राप्त कर लिए और फिर अभियुक्त दिलबाल की सहायता से फरार हो गये।

    विवेचना के आधार पर पुलिस ने षडयंत्रकारी दिलबाग सिंह पुत्र लक्षमण सिंह निवासी ग्राम कबीर पुर थाना निगोही जिला शाह जहाँ पुर, अमनदीप सिंह उर्फ़ काला पुत्र कुलदीप सिंह निवासी बरा जगत थाना अमरिया जिला पीलीभीत, हरमिंदर ऊर्फ पिंदी पुत्र मलकीत सिंह निवासी रणधीर पुर थाना तिलहर जिला शाह जहाँ पुर और बलकार सिंह पुत्र दर्शदा निवासी ग्राम बाधे कंजा थाना करेली जिला पीलीभीत को अलग अलग स्थानों से गिरफ्तार कर लिया है। फरार शूटर सरबजीत व अमरजीत की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें लगातार दबिश दे रही है। दोनों शूटरों पर ईनाम की राशि 25 हजार से बढ़ाकर 50,000 कर दी गयी है।

    एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार किये गये आरोपियों पर विभिन्न थानों में कई केस दर्ज हैं। पकड़े गये षडयंत्रकारियों से घटना में प्रयुक्त दो कार मारुती स्विफ्ट कार तथा दो मोबाइल फोन बरामद किये गये हैं।

    बाबा तरसेम सिंह हत्याकाण्ड के चार षडयंत्रकारी गिरफ्तार, दस लाख में दी थी  सुपारी 

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