Haldwani: कुमाऊं आयुक्त और मुख्यमंत्री के सचिव दीपक रावत ने जल जीवन मिशन की प्रगति की समीक्षा करते हुए पाया कि कुमाऊं मंडल के छह जिलों में 3,411 पेयजल योजनाओं में से 967 अब भी अधूरी हैं। इन योजनाओं पर काम जारी है, जबकि शेष 2,444 योजनाएं पूरी हो चुकी हैं। बैठक में आयुक्त ने जिलाधिकारियों और संबंधित अधिकारियों को जल जीवन मिशन की योजनाओं की नियमित मॉनीटरिंग करने और कार्य में लापरवाही करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
रावत ने जोर दिया कि यह मिशन कुमाऊं के दूरस्थ गांवों तक पानी पहुंचाने के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि पूरी हो चुकी योजनाओं का थर्ड पार्टी वेरिफिकेशन कराया जाए। इसके अलावा, जिन योजनाओं के एस्टीमेट रिवाइज, मल्टी स्टेज पंपिंग स्कीम जैसी वजहों से लंबित हैं, उन्हें अगले वित्तीय वर्ष तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
आयुक्त ने यह भी आदेश दिए कि कार्य पूर्ण होने के बाद गड्ढों को भरा जाए और पाइप की गहराई का मानकों के अनुसार निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए, ताकि पाइप बाहर न रह जाए। अगर किसी अधिकारी ने गलत रिपोर्ट दी तो संबंधित अधिकारी पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने दिसंबर तक पूरी होने वाली योजनाओं की प्रगति पर भी नजर रखने के निर्देश दिए।
रानीखेत की एक 13 करोड़ की योजना में श्रमिकों की संख्या कम होने के कारण काम धीमा था, जिस पर आयुक्त ने श्रम बढ़ाने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त, ऊधम सिंह नगर के 15 पंप हाउस में पंप न लग पाने के कारण कार्य अधूरा था, इस पर भी जल्द रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए।
बैठक में संबंधित जिलों के डीएम समेत विभिन्न अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित रहे।
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Chief Editor, Aaj Khabar