Haldwani News: गौला, कोसी, नंधौर, दाबका में जल्द शुरू होगा खनन

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Haldwani News: जिले में इस वर्ष खनन कार्य की तैयारियां जोरों पर हैं, खासकर विभिन्न नदियों में चुगान (खनन) कार्य शुरू होने से पहले संबंधित विभागों ने जरूरी औपचारिकताएं तेज़ कर दी हैं। जिलाधिकारी वंदना के दिशा-निर्देश में एक उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें खनन कार्य की तैयारी, वाहन फिटनेस, श्रमिक सत्यापन, और ओवरलोडिंग पर रोक लगाने जैसे मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक में सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के अलावा ट्रांसपोर्टर और डंपर चालकों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।

बैठक के दौरान यह जानकारी दी गई कि दाबका नदी में अगले सप्ताह से खनन कार्य शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही, गौला, नंधौर, कोसी और दाबका नदियों में खनन कार्य की तैयारी भी अंतिम चरण में है। जिले के खनिज संसाधनों का दोहन करने के लिए वन निगम और परिवहन विभाग के अधिकारी सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। जिलाधिकारी वंदना ने बैठक में विशेष रूप से वाहनों की फिटनेस को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सडक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सभी खनन कार्यों में लगे वाहनों का फिटनेस जांचना अनिवार्य है। विशेष रूप से पुराने वाहनों की फिटनेस की जांच की जाए ताकि किसी प्रकार के दुर्घटनाओं से बचा जा सके। उन्होंने परिवहन विभाग को निर्देश दिया कि ओचक निरीक्षण अभियान चलाया जाए और समय-समय पर वाहनों की फिटनेस सुनिश्चित की जाए।

इस दौरान परिवहन विभाग द्वारा यह जानकारी दी गई कि गोला नदी में खनन कार्य शुरू करने के लिए 1600 पंजीकरण आवेदन वितरित किए गए थे, जिनमें से अब तक 168 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। इन सभी वाहनों की फिटनेस जांच के लिए परिवहन विभाग को भेजा जा चुका है। जिलाधिकारी ने कहा कि फिटनेस संबंधी किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि खनन कार्य में लगे वाहन क्षमता से अधिक सामग्री का परिवहन न करें।

जिलाधिकारी ने बैठक में स्पष्ट रूप से निर्देश दिए कि जिन स्थानों पर खनन कार्य होना है, वहां काम करने वाले बाहरी श्रमिकों का सत्यापन पुलिस विभाग द्वारा मौके पर जाकर किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी श्रमिकों के पास वैध दस्तावेज हों और वे सुरक्षा मानकों का पालन करते हों। बैठक में ओवरलोडिंग के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। जिलाधिकारी ने कहा कि खनन सामग्री के परिवहन में ओवरलोडिंग की घटनाओं को रोकने के लिए संबंधित विभागों को संयुक्त रूप से कार्यवाही करनी होगी। परिवहन विभाग, वन निगम और पुलिस विभाग मिलकर इस पर कड़ी निगरानी रखेंगे। उन्होंने कहा कि ओवरलोडिंग न केवल सडक दुर्घटनाओं का कारण बन सकती है, बल्कि यह पर्यावरण और परिवहन ढांचे पर भी नकारात्मक असर डाल सकती है। बैठक में एक और महत्वपूर्ण मुद्दा सामने आया, जो रिवर ड्रेजिंग (नदी ड्रेजिंग) से संबंधित था। जिले के विभिन्न स्थानों जैसे बेतालघाट, कालाढूंगी, धारी और ओखलढुंगा में रिवर ड्रेजिंग की योजना पहले से बनाई गई है। इस कार्य के लिए एक संयुक्त टीम ने निरीक्षण भी किया है और आगे की कार्यवाही शुरू कर दी है। जिलाधिकारी ने कहा कि आपदा से बचाव के दृष्टिकोण से उन स्थानों पर ड्रेजिंग का कार्य किया जाए, जहां यह कार्य अधिक प्रभावी साबित हो। इसके लिए अपर जिलाधिकारी को निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।

बैठक में वन निगम के प्रतिनिधियों ने बताया कि गोला नदी में खनन कार्य शुरू करने की प्रक्रिया गतिमान है और वहां खनन के लिए पंजीकरण प्रक्रिया भी चल रही है। वन विभाग द्वारा नदी में खनन सामग्री की निगरानी के लिए ऑटोमेटिक सिस्टम और आधुनिक तकनीकी उपकरणों के उपयोग की योजना बनाई गई है, ताकि खनन कार्य पारदर्शी और नियमों के अनुसार हो सके। जिलाधिकारी ने कहा कि खनन कार्य में शामिल सभी विभागों को एकजुट होकर काम करना होगा, ताकि किसी भी प्रकार की समस्या या अराजकता से बचा जा सके। इसके साथ ही, वे चाहती थीं कि सभी विभागों की आपसी समन्वय से खनन कार्य में किसी भी प्रकार की रुकावट न हो। बैठक में प्रभागीय वनाधिकारी हिमांशु बांगड़ी, प्रकाश आर्या, अपर जिलाधिकारी एफ आर चौहान, एस पी सिटी हरबंस सिंह, संयुक्त मजिस्ट्रेट वरुणा अग्रवाल, उप जिलाधिकारी परितोष वर्मा, जिला खान अधिकारी ताजवर सिंह नेगी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

 

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