Sambhal News: जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर भड़की हिंसा के बाद संभल जिला प्रशासन ने शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ा कदम उठाया है। शनिवार को जारी किए गए आदेश में जिले की सीमा में बाहरी लोगों, सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों के प्रवेश पर 10 दिसंबर तक प्रतिबंध लगा दिया गया है।
जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने आदेश जारी करते हुए कहा कि जिले में किसी भी बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन या जनप्रतिनिधि को सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। इस कदम का उद्देश्य क्षेत्र में शांति बनाए रखना और संभावित अप्रिय स्थितियों से बचाव करना है।
इस आदेश के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) का 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल संभल का दौरा नहीं कर सका। उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे की अगुआई में सपा नेताओं को लखनऊ में गृह सचिव संजय प्रसाद ने फोन करके संभल न जाने का अनुरोध किया।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राज्य सरकार से संभल में शांति और सौहार्द बनाए रखने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने शाही जामा मस्जिद के सर्वे की रिपोर्ट को सील बंद रखने और स्थानीय अदालत में इस मामले की कार्यवाही फिलहाल स्थगित रखने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा, ष्शांति और निष्पक्षता सुनिश्चित होनी चाहिए। हम नहीं चाहते कि कोई गलत कदम उठाया जाए।ष्
19 नवंबर को स्थानीय अदालत ने शाही जामा मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था। कुछ याचिकाकर्ताओं ने अदालत में दावा किया कि मस्जिद की जगह पहले एक हरिहर मंदिर था। इस आदेश के बाद 24 नवंबर को हिंसा भड़क उठी, जिसमें पथराव की घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए, जिनमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इस घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है। आयोग की अध्यक्षता इलाहाबाद हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश देवेंद्र कुमार अरोड़ा करेंगे।
तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए जिले में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है और सीसीटीवी कैमरों के जरिए निगरानी की जा रही है। प्रशासन का कहना है कि हर स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
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Chief Editor, Aaj Khabar