New Delhi: देश के सबसे बड़े पत्रकार संगठन नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स इंडिया (एनयूजेआई) ने आज अपना 53वां स्थापना दिवस नई दिल्ली के जंतर-मंतर स्थित केंद्रीय कार्यालय में धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर एनयूजेआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष रास बिहारी ने संगठन की ऐतिहासिक भूमिका और पत्रकारों के अधिकारों के लिए इसके निरंतर संघर्ष पर प्रकाश डाला।
रास बिहारी ने कहा कि पत्रकारों की सुरक्षा और अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए एनयूजेआई सरकार से पत्रकार सुरक्षा अधिनियम, मीडिया आयोग के गठन, और राष्ट्रीय पत्रकार रजिस्टर की प्रमुख मांग करता रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि संगठन पत्रकारों को नई तकनीकों से परिचित कराने और उनके पेशेवर कौशल में सुधार के लिए सेमिनार, कार्यशालाएं और चर्चाएं आयोजित करता रहा है।
रास बिहारी ने आपातकाल के दौरान संगठन की भूमिका को याद करते हुए कहा कि मार्च 1977 में सत्ता परिवर्तन के बाद एनयूजेआई ने पत्रकारों की बेहतरी के लिए कई प्रयास किए, जिनमें ट्रिब्यूनल के गठन की मांग शामिल थी। उन्होंने बताया कि पूर्व अध्यक्ष मीनाक्षी सुंदरम ने पत्रकारों के मुद्दों पर न्यायमूर्ति पालेकर के समक्ष प्रभावशाली तर्क रखे थे, जिसे न्यायालय ने सराहा।
इस कार्यक्रम में दिल्ली पत्रकार संघ (डीजेए) के अध्यक्ष राकेश थपलियाल और महासचिव प्रमोद कुमार सिंह ने एनयूजेआई के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की केंद्रीय मीडिया प्रत्यायन समिति (सीएमएसी) के 2025-27 सत्र के लिए एनयूजेआई अध्यक्ष रास बिहारी, सचिन बुधोलिया और श्रीराम जोशी का चयन संगठन की साख और भूमिका को प्रमाणित करता है।
इस अवसर पर मौजूद पत्रकारों ने सीएमएसी के नवनिर्वाचित सदस्यों को बधाई दी। कार्यक्रम में एनयूजेआई चुनाव आयोग के सदस्य अशोक किंकर, एनयूजेआई सचिव अमलेश राजू, डीजेए के कोषाध्यक्ष नरेश गुप्ता, महिला विंग की समन्वयक प्रतिभा शुक्ल, और अन्य वरिष्ठ सदस्यों ने भी भाग लिया।
कार्यक्रम का समापन रास बिहारी के इस संकल्प के साथ हुआ कि एनयूजेआई पत्रकारों के हितों के लिए सड़क से संसद तक संघर्ष करेगा और शीर्ष स्तर तक उनकी समस्याओं को पहुंचाकर उनका समाधान सुनिश्चित करेगा।
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Chief Editor, Aaj Khabar