New Delhi News: निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा ने एसडीएम को थप्पड़ मारा, गिरफ्तार

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New Delhi News: देवरी-उनियारा विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में मतदान के दौरान बुधवार को बड़ी घटना हुई जब निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा ने सार्वजनिक रूप से एसडीएम को थप्पड़ जड़ दिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया।

घटना के बाद नरेश मीणा फरार हो गए थे, लेकिन पुलिस ने गुरुवार सुबह उन्हें समरावता गांव से गिरफ्तार कर लिया। उनकी गिरफ्तारी के दौरान गांव में तनाव बढ़ गया और पुलिस व समर्थकों के बीच झड़पें हुईं।

बुधवार को देवरी-उनियारा सीट पर मतदान के दौरान नरेश मीणा ने आरोप लगाया कि एसडीएम की मौजूदगी में फर्जी वोटिंग हो रही थी। इसी बात को लेकर विवाद बढ़ा और उन्होंने सार्वजनिक रूप से एसडीएम को थप्पड़ मार दिया। घटना के तुरंत बाद मीणा फरार हो गए।
पुलिस ने रातभर सर्च ऑपरेशन चलाया और गुरुवार सुबह समरावता गांव में छापा मारा। गिरफ्तारी के दौरान भारी संख्या में समर्थक मौजूद थे। पुलिस ने गांव में भारी सुरक्षा बल तैनात किया और झड़प के बीच मीणा को गिरफ्तार किया।

गांव में गिरफ्तारी के दौरान मीणा समर्थकों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की, जिसके जवाब में पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। हालात इतने बिगड़ गए कि दोनों तरफ से फायरिंग शुरू हो गई। पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागकर स्थिति को काबू में किया।

पुलिस के अनुसार, हंगामे के दौरान 60 लोगों को गिरफ्तार किया गया और चार एफआईआर दर्ज की गई हैं। नरेश मीणा का बयान गिरफ्तारी से पहले, नरेश मीणा ने मीडिया से बातचीत में कहा,

मैं गिरफ्तारी देने आया हूं। पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच होनी चाहिए। पुलिस ने बर्बरता की, लेकिन अगर प्रशासन सही तरीके से काम करता तो यह घटना नहीं होती। अगर एसडीएम मीणा जाति के होते, गुर्जर होते या ब्राह्मण होते, तब भी मैं थप्पड़ मारता। एसडीएम की जाति नहीं होती।

उन्होंने एसडीएम पर फर्जी वोटिंग कराने का गंभीर आरोप लगाया और कहा कि उन्हें मजबूर होकर कार्रवाई करनी पड़ी।

देवरी-उनियारा विधानसभा क्षेत्र के कचरावता ग्राम पंचायत के समरावता गांव के लोगों ने मतदान का बहिष्कार कर रखा था। ग्रामीणों का कहना है कि उनका गांव पहले उनियारा उपखंड में था, लेकिन पिछली सरकार ने इसे देवली उपखंड में शामिल कर दिया।

ग्रामीणों ने इसे लेकर नाराजगी जताई और मांग की कि गांव को दोबारा उनियारा में शामिल किया जाए। पुलिस का आरोप है कि नरेश मीणा ने ग्रामीणों पर मतदान बहिष्कार का दबाव बनाया और इसी वजह से विवाद बढ़ा।

झड़प और पत्थरबाजी के बाद पुलिस ने पूरे इलाके में कड़ा पहरा लगा दिया है। टोंक कलेक्टर और एसपी ने हालात की मॉनिटरिंग शुरू कर दी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने उपचुनाव के दौरान कानून-व्यवस्था को लेकर विशेष टीम गठित की है।

इस घटना ने राजस्थान की राजनीति में हलचल मचा दी है। अब सबकी नजर इस पर है कि जांच में क्या सामने आता है और नरेश मीणा पर क्या कार्रवाई होती है।

 

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