हादसे के बाद जागा प्रशासन, स्कूल बसों के खिलाफ प्रशासन ने चलाया अभियान।

हादसे के बाद जागा प्रशासन, स्कूल बसों के खिलाफ प्रशासन ने चलाया अभियान।
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हल्द्वानी। एक कहावत है हादसों के बाद ही प्रशासन की आंख खुलती है। कुछ ऐसा ही हल्द्वानी में भी देखने को मिला है। जर्जर सड़क की वजह से शिक्षक की मौत के बाद जागे प्रशासन ने आनन फानन में क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत का काम शुरू कर दिया। गड्ढों को भरने का जोर शोर से शुरू कर दिया गया। वहीं 18 सितंबर यानि सोमवार को निर्मला कांन्वेंट स्कूल और बुधवार को डीपीएस स्कूल की बस हादसे का शिकार हो गई। गनीमत रही, हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ। लगातार हुए हादसों के बाद प्रशासन नींद से जागा और स्कूल बसों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी। बुधवार को सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह के नेतृत्व में परिवहन विभाग की टीम सड़क पर उतरी और स्कूल बसों के खिलाफ अभियान छेड़ दिया। टीम ने पांच दर्जन बसों की चैकिंग की। दर्जनभर से ज्यादा बसों का चालान काटा और दो बसों को सीज कर दिया। प्रशासन ने स्कूल प्रबंधन को बसों के रखरखाव और उनमें सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की हिदायत दी है। बता दें कि सोमवार को शहर के एक निजी स्कूल की बस डिवाइडर पर चढ़ गई। गनीमत रही कि हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ। वहीं बुधवार को भी लालकुआं के पास एक स्कूल हादसे का शिकार हो गई। लगातार हो रहे हादसों के बाद प्रशासन की आंख खुली और उसने परिवहन विभाग के साथ मिलकर स्कूल बसों के खिलाफ कार्रवाई के लिए बुधवार को अभियान छेड़ दिया। सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह के नेतृत्व में चले अभियान के दौरान वाहनों की फिटनेस, कागजात, सुरक्षा मानकों की पड़ताल की गई। टीम ने दर्जनों बसों का चालान काटा और दो बसों को सीज कर दिया। प्रशासन ने स्कूल प्रबंधन को हिदायत दी है कि कि अगर बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ होता पाया गया तो निजी स्कूल प्रबंधन की खैर नहीं। उन्होंने कहा कि अभियान लगातार जारी रहेगा।

हादसे के बाद जागा प्रशासन, स्कूल बसों के खिलाफ प्रशासन ने चलाया अभियान।

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