हल्द्वानी। खनन रॉयल्टी और वाहनों की फिटनेस को निजी हाथों में देने के विरोध में खनन कारोबारियों का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। लगभग पिछले तीन महीने से आंदोलन कर रहे खनन कारोबारी सुनवाई नहीं होने से नाराज हैं। सोमवार को खनन कारोबारियों ने अर्द्धनग्न होकर प्रदर्शन किया। बुद्धपार्क में एकत्रित हुए खनन कारोबारियों ने एसडीएम कोर्ट तक जुलूस निकाला और सरकार को ज्ञापन भेजा। कहा कि सरकार खनन कारोबार से जुड़े लोगों का मानसिक और आर्थिक उत्पीड़न कर रही है। पहले जीपीएस लगाने के लिए दबाव बनाया गया फिर वाहनों की फिटनेस निजी सेंटरों से कराने का फरमान जारी कर दिया। अब सरकार ने खनन रॉयल्टी निजी हाथों में देने का आदेश कर दिया है। उन्होंने सरकार के इन फैसलों को खनन कारेाबारियांें के हितो पर कुठाराघात बताया। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले का पुरजोर विरोध किया जाएगा। उन्होंने सरकार से पूर्व की भांति सरकारी एजेसियों के माध्यम से खनन कार्य कराने की मांग की। कहा कि पूर्व में भी व्यवस्था इसी तरह से चल रही है। लेकिन सरकार अब खनन रॉयल्टी निजी हाथों में देने जा रही है जिसके बाद निजी कंपनी की मनमानी शुरू हो जाएगी। ऐसे में गौला खनन से जुड़े वाहनों स्वामियों पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। खनन से जुड़े कारोबारियों का कहना था कि हर साल गौला नदी में खनन अक्टूबर महीने से शुरू हो जाता था, लेकिन अब तक खनन कार्य शुरू नहीं हो पाया है जिससे उनके समरूा आर्थिक समस्या खड़ी हो गई है। उन पर पहले से ही आर्थिक बोझ डाला गया है, अब खनन कार्य में देरी ने परेशानी खड़ी कर दी है। उन्होंने नदियों में खनन रॉयल्टी और फिटनेस का कार्य पूर्व की भंति करने की मांग की। चेतावनी दी गई कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर गौर नहीं किया तो वह उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
Chief Editor, Aaj Khabar