विश्व हृदय दिवस पर विशेष:
हल्द्वानी। विश्व हृदय दिवस पर आज खबर ने वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डा. प्रकाश पंत से जाना कि आखिर हृदय रोग से संबंधित मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी क्यों हो रही है। इसमें युवाओं की संख्या भी बढ़ रही है, इससे कैसे बचा जाए, क्या एहतियात बरती जाए। हृदय रोग विशेषज्ञ का कहना है कि दिल की बीमारी का उम्र से कोई संबंध नहीं हैं। बदलती दिनचर्या और लापरवाही इसकी मुख्य वजह है। हृदय रोग के लक्षणों को पहचानना जरूरी है। देर करने या फिर लापरवाही बरतने पर जान भी जा सकती है । कम उम्र में हार्ट अटैक आने की बड़ी वजह कहीं न कहीं हमारी लाइफ स्टाइल है। कम उम्र में ही डायबिटीज, मोटापा, स्ट्रेस, हाइपरटेंशन जैसी समस्याएं आम हो गई हैं, जो हृदयाघात की असली वजह है। वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डा. प्रकाश ने बताया कि हार्ट हमारे शरीर का एक बेहद महत्वपूर्ण अंग है और इसकी सेहत के प्रति हमें जागरूक रहने की जरूरत है। हाल के दिनों में कम उम्र के लोगों में भी हार्ट अटैक की समस्या आने लगी है। यही कारण है कि दिल के स्वास्थ्य के प्रति लोगों को सतर्क करने के लिए हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है। मनाया जाता है। कोरोना महामारी के दौरान दिल के मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा गलत खानपान व जीवन शैली के कारण भी हृदय की सेहत पर असर पड़ा है। भारत में प्रतिवर्ष लाखों लोगों की ह्रदय रोगों के कारण आकस्मिक मृत्यु हो जाती है। इस रोग से महिला, पुरुष और बच्चे भी ग्रसित हैं। ह्रदय रोग जीवनशैली और खानपान में बदलाव के कारण होता है। दिनचर्या में बदलाव कर ह्रदय रोगों से बचा जा सकता है। ऐसे में स्वास्थ्य विशेषज्ञ हृदय रोगों के जोखिम से बचने के लिए सावधानी बरतने की सलाह देते हैं। हृदय रोगों में स्ट्रोक, जन्मजात हृदय दोष, हृदयाघात, कार्डियक अरेस्ट, पेरिकार्डियल बहाव, रुमेटिक हृदय रोग, कोरोनरी धमनी रोग, एनजाइना आदि शामिल है। दिल की इन गंभीर बीमारियों से दूर रहने के लिए स्वस्थ जीवन शैली को अपनाने की जरूरत है। कम उम्र में हार्ट अटैक आने की बड़ी वजह कहीं न कहीं हमारी लाइफस्टाइल है। आजकल बहुत कम उम्र में ही लोगों को डायबिटीज, मोटापा, स्ट्रेस, हाइपरटेंशन जैसी समस्याएं होने लगी हैं। ये हाई रिस्क फैक्टर्स हैं, जिसकी वजह से युवाओं में हार्ट अटैक के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं। डा. प्रकाश पंत ने दिल को स्वस्थ्य रखने के लिए उपाय भी बताए। कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को थोड़ा समय व्यायाम के लिए निकालना चाहिए। प्रतिदिन कम से कम आधे घंटे तक व्यायाम करना हृदय के लिए अच्छा होता है। यदि समय की कमी है तो आप तेज़ क़दमों से टहल भी सकते हैं। सेहत के अनुरूप ही खान-पान तथा आहार लेना चाहिए। नमक का कम मात्रा में सेवन करना चाहिए। भोजन में कम वसा वाले आहार प्रयोग में लाने चाहिए। इसके अलावा ताजी सब्जियां और फल अधिक मात्रा में लें। अपनी प्रतिदिन की दिनचर्या में समय पर नाश्ता और समय पर लंच करें। तम्बाकू जैसे पदार्थों से हमेशा दूरी बनाए रखें। घंटों तक ही स्थिति में बैठना हृदय के लिए हानिकारक हो सकता है। आज की भागदौड़ वाली जीवन शैली में तनाव भी बढ़ गया है। इससे पूरी तरह बचना तो मुश्किल है, लेकिन जहां तक संभव हो इससे दूरी बना, रखनी चाहिए। साइकिल चलाना, नियमित रूप से टहलना और तैरना, ये काम अवश्य करने चाहिए। ऐसे खाद्य तेल का चयन करें, जिसमें शून्य ट्रांस फैटी ,सिड्स हों। नींद दिल को स्वस्थ रखने के लिए ज़रूरी है। रोजाना 8 घंटे सोना चाहिए।
Chief Editor, Aaj Khabar