Dehradun News: 9 अस्पतालों को पीपीपी मोड से हटाया, स्वास्थ्य मंत्री ने की घोषणा

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Dehradun News: उत्तराखंड सरकार ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार के लिए बड़ा कदम उठाया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने आज घोषणा की कि उत्तराखंड हेल्थ सिस्टम डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत पीपीपी मोड (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) पर संचालित कुल 9 अस्पतालों का अनुबंध समाप्त कर दिया गया है और इन्हें सरकार के नियंत्रण में लिया जा रहा है। यह फैसला राज्य सरकार द्वारा अस्पतालों के संचालन में स्थानीय जनता से आ रही लगातार शिकायतों के मद्देनजर लिया गया है।

सरकार ने रामदत्त जोशी संयुक्त चिकित्सालय, रामनगर सहित कुल 9 अस्पतालों को पीपीपी मोड से हटाने का निर्णय लिया है। इसके तहत टिहरी गढ़वाल जिले स्थित जिला चिकित्सालय, बौराड़ी, बिल्केश्वर, और देवप्रयाग जैसे अस्पतालों को हाल ही में सरकार के नियंत्रण में लिया गया है। इसके साथ ही, जिला चिकित्सालय, पौड़ी, संयुक्त चिकित्सालय पाबौं, घंडियाल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भिकियासैंण और बीरोंखाल जैसे अस्पतालों को भी पीपीपी मोड से हटाकर राज्य सरकार के नियंत्रण में लिया जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि सरकार को लगातार यह शिकायतें मिल रही थीं कि पीपीपी मोड में संचालित अस्पतालों में स्थानीय जनता को संतोषजनक स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल रही थीं। उन्होंने कहा, ष्स्थानीय जनता की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए हमने इन सभी अस्पतालों को सरकार के नियंत्रण में लेने का निर्णय लिया है, ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।

दिसंबर तक सरकार के नियंत्रण में होंगे अस्पताल: मंत्री ने आगे बताया कि दिसंबर 2024 तक इन सभी अस्पतालों को पूरी तरह से राज्य सरकार के नियंत्रण में लाया जाएगा। सरकार ने निर्देश दिया है कि परियोजना के तहत उपलब्ध सभी चिकित्सकीय उपकरणों और ढांचागत व्यवस्थाओं का मूल्यांकन किया जाएगा। इन अस्पतालों को ट्रांसफर करते वक्त सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी उपकरण और आवश्यक सामग्री संबंधित चिकित्सा इकाइयों के पास ही रहें, ताकि संचालन में कोई रुकावट न आए। इसके लिए मुख्य चिकित्साधिकारियों और प्रभारी अधिकारियों को आवश्यक सूची तैयार करने के लिए निर्देश दिए गए हैं।

यह कदम राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को और सशक्त बनाने और स्थानीय लोगों को बेहतर इलाज की सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। राज्य सरकार अब इन अस्पतालों का संचालन अपनी देखरेख में करेगी और जल्द ही चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती करेगी। इस फैसले से यह भी उम्मीद जताई जा रही है कि अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा और जनता को उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं मिल सकेंगी।

राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि इन अस्पतालों का संचालन एक नए तरीके से किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक अस्पताल में स्थानीय जरूरतों के अनुरूप चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। पीपीपी मोड के तहत यह अस्पताल पहले निजी कंपनियों द्वारा संचालित किए जा रहे थे, लेकिन अब सरकार ने पूरी जिम्मेदारी अपने हाथ में ली है, जिससे अस्पतालों की कार्यप्रणाली में सुधार और स्थानीय लोगों के विश्वास को बहाल करने की कोशिश की जाएगी।

 

 

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