Dehradun News: उत्तराखंड के कृषि उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ की पहल शुरू की गई है। हाल ही में आयोजित इंडस्ट्री इंटरेक्शन मीट में वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने इस ब्रांड को बढ़ावा देने के लिए कई कंपनियों के साथ एमओयू साइन किए। इस पहल के तहत, उच्च गुणवत्ता वाले कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का निर्यात बढ़ाने, पैकेजिंग मानकों में सुधार और स्थानीय मसालों की खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे राज्य के उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में नई पहचान मिलेगी।
इंडस्ट्री इंटरेक्शन मीट में भाग लेने के बाद, वाणिज्य सचिव ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। इस दौरान, सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड को कृषि उत्पादों के निर्यात का केंद्र बनाने के लिए सरकार विभिन्न योजनाओं पर काम कर रही है। उन्होंने हाउस ऑफ हिमालयाज की शुरुआत के महत्व को रेखांकित किया, जो राज्य के जैविक खेती और जीआई-टैग उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है।
सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि एपीडा, वाणिज्य मंत्रालय की ओर से पहली बार किसी राज्य में इंडस्ट्री इंटरेक्शन मीट का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम में 200 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें उत्तराखंड के प्रमुख एग्रो प्रोसेसिंग और एलाइड इंडस्ट्री के सीईओ शामिल थे। उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस आयोजन में राज्य सरकार का सहयोग किया।
इंडस्ट्री इंटरेक्शन मीट के दौरान उत्तराखंड की जलवायु के अनुरूप कृषि और बागवानी को बढ़ावा देने की संभावनाओं पर चर्चा की गई। कृषि उत्पादों के निर्यात, जैविक खेती, और जीआई-टैग उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कई नीतिगत निर्णय लिए गए। चाय विकास एवं संवर्धन योजना (2023-2026) के अंतर्गत छोटे चाय उत्पादकों को जैविक खेती और उद्योग स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता देने पर भी चर्चा हुई।
सचिव सुनील बर्थवाल ने इंडस्ट्री इंटरेक्शन मीट के दौरान हाउस ऑफ हिमालयाज के कार्ट (मोबाइल स्टोर) का उद्घाटन किया। इसके साथ ही, उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए कई कंपनियों के साथ समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
हाउस ऑफ हिमालयाज और लुलु ग्रुप के बीच उच्च गुणवत्ता वाले कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एमओयू साइन किया गया। इसके अलावा, हाउस ऑफ हिमालयाज और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग के बीच अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप पैकेजिंग सुधारने के लिए समझौता हुआ। स्पाइसेस बोर्ड के साथ भी उत्तराखंड में स्थानीय मसालों की खेती को बढ़ावा देने और उनकी मैन्युफैक्चरिंग में सहयोग के लिए एमओयू साइन किया गया।
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Chief Editor, Aaj Khabar